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बालाघाट

सावधान! कहीं भारी न पड़ जाए ये लापरवाही

स्कूली विद्यार्थियों की जान को खतरा, तालाब के पास संचालित बिना बाउंड्रीवाल का सरकारी स्कूल

बालाघाटDec 18, 2017 / 11:28 am

mukesh yadav

school
बालाघाट/कटंगी। मुख्यालय से 38 किमी. दूर विकासखंड के टेकाड़ी जनशिक्षा केन्द्र अंतर्गत आने वाले वनाचंल शासकीय प्राथमिक शाला दुल्हापुर के विद्यार्थियों पर जान का खतरा मंडरा रहा है। दरअसल, ऐसा इसलिए है, क्योंकि स्कूल से महज चंद कदम की दूरी पर एक बड़ा तालाब है। जिसके पास ही स्कूल तथा ग्राम का खेल मैदान है। जहां विद्यार्थी अवकाश काल के दौरान खेल-कूद करते हैं। जिससे हमेशा हादसे का डर बना रहता है।
ग्रामीणों की माने तो कुछ दिन पहले ही इस जलाशय में डूबने से एक वृद्ध की असामायिक मौत हो चुकी है। अभिभावकों ने स्कूल परिसर के आस-पास बाउंड्रीवाल निर्माण कराने की मांग की है।
स्कूल प्रशासन ने पंचायत को दिया प्रस्ताव-
स्कूल प्रबंधन समिति एवं स्कूल प्रबंधन के अनुसार तालाब में घटित दुघर्टना को ध्यान में रखते हुए स्कूल परिसर के आस-पास फैसिंग कराने के लिए पंचायत को प्रस्ताव बनाकर दिया गया है। लेकिन ग्रामीण फैसिंग की बजाए यहां पक्की बाउंड्रीवाल निर्माण की मांग कर रहे हैं। जिनका कहना है कि फैसिंग तार की बनी होगी। इससे भी निकलकर बच्चे यदा-कदा तालाब तक पहुंच सकते हैं।
जोगाटोला स्कूल का संविलियन
प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में शासकीय प्राथमिक शाला में कुल दर्ज संख्या 32 है। इस स्कूल में शासकीय प्राथमिक शाला जोगाटोला का संविलियन किया गया है। आने वाले वर्ष में इस स्कूल में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या में और भी अधिक ईजाफा होने का पूर्वानुमान है। लेकिन अभिभावकों की शर्त है कि वह इस स्कूल में अपने बच्चों का तभी दाखिला कराएंगें, जब उन्हें इस बात की पूरी तरह से तसल्ली हो जाएगी कि उनका बच्चा स्कूल परिसर में सुरक्षित है।
50 फीसदी स्कूलों में नहीं बाउंड्रीवाल
विभागीय आंकड़ों पर नजर डाले तो विखं अंतर्गत आने वाले करीब 50 फीसदी सरकारी स्कूलों में बाउंड्रीवाल (सुरक्षा घेरा) नहीं है। इनमें से अधिकांश स्कूल तो ऐसे हंै जो सड़क के एकदम नजदीक है या फिर वहां से अधिक आवागमन होता है। बहरहाल सरकारी स्कूलों की इन स्थितियों को लेकर जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं है। इस संबंध में विखं शिक्षा अधिकारी से चर्चा करने पर उन्होंने स्वीकृति मिलने पर ही स्कूलों में बाउंड्रीवाल का निर्माण होने की बात कही है।
इनका कहना है।
दुल्हापुर की समस्या गंभीर है। लेकिन इसमें जनप्रतिनिधियों को आगे आने की आवश्यकता है। शिक्षा विभाग से बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए बहुत मुश्किल से राशि मिल पाती है।
दर्पण गौतम, विकासखंड शिक्षा अधिकारी

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