प्रशिक्षण दिया गया आरपीटीसी की प्राचार्य केबी वन्दना के अनुसार छह दिवसीय पाठ्यक्रम के दौरान एक्सप्लोसिव, इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस, बमा ब्लास्ट तथा उनके मैकेनिज्म, फारेंसिक साइंस की उपयोगिता, ब्लास्ट व उनके एक्सप्लोसिव संबंधी कानून आदि का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही बम व आईईडी बनाने की क्रियाविधि, उनको डिफ्यूज करने की प्रक्रिया से भी अवगत कराया गया।
बम विस्फोट में होने वाली प्रक्रियाओं की जानकारी इसके अलावा सिनेमाघर, बाजार, पार्र्किंग तथा भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर बम की सूचना और बम विस्फोट में होने वाली प्रक्रियाओं की जानकारी भी दी गई। पाठ्यक्रम में सेना के सेवानिवृत मेजर जनरल दलवीर सिंह, आरपीटीसी की प्राचार्य केबी वन्दना, कमाण्डेन्ट हरीराम चौधरी, एफएसएल के निदेशक अजय शर्मा, सहायक निदेशक अशोक कुमार, आर्मी के अधिकारीयों, सेवानिवृत उप निदेशक अभियोजन गिर्राज सिंह, प्रमोद कुमार, एसीपी सुरेन्द्र कुमार तथा एटीएस जयपुर के निरीक्षक राजेश दुरेजा ने विभिन्न विषय पर व्याख्यान दिए। प्रषिक्षण कार्यक्रम व समापन समारोह का संचालन संस्थान के निरीक्षक कैलाश पारीक ने किया। कोर्स में राज्य के पैंतालिस पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। सीमा सुरक्षा बल के पुलिस महानिरीक्षक अनिल पालीवाल समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे।
सेना के अधिकारी भी हुए शामिल पाठ्यक्रम के दौरान पुलिस, एफएसएल, बम डिस्फोजल स्क्वॉयड तथा जन भागीदारी व मानवाधिकार विषयों पर जीवंत अभ्यास करवाया गया। साथ ही अनुसंधान कर पत्रावलिया तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया गया। कार्यक्रम में पुलिस के साथ-साथ सेना के अधिकारियों का भी सहयोग लिया गया।
राज्य में पहली बार पाठ्यक्रम आरपीटीसी की प्राचार्य केबी वन्दना ने हाल ही में अमरीका में यह कोर्स किया था। वहां से लौटने के बाद उन्होंने केन्द्र में यह पाठ्यक्रम करवाया है। जो राजस्थान में पहली बार आयोजित हुआ है।