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बालाघाट

आफत की बारिश-धान की बालियों में आ रहा अंकुरण

बारिश से भीगी फसल को संवारने में जुटे किसानखेतों में कटी पड़ी रखी धान हुई खराबअन्नदाताओं को हुआ नुकसान

बालाघाटDec 09, 2023 / 10:18 pm

Bhaneshwar sakure

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बालाघाट. मावठे की बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरसी है। खेतों में कटी पड़ी रखी धान खराब हो गई है। धान की बालियों में अंकुरण आने लगा है। बारिश से भीगी फसल को अब किसान संवारने में जुटा हुआ है। इस बेमौसम बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों पर दोहरे पर दो आषाढ़ वाली कहावत चरितार्थ होने लगी है। किसानों ने अब फसल क्षति का सर्वे कर मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
जिले में बीते दिनों हुई बारिश ने अब किसानों की नींद उड़ा दी है। दरसअल, अधिकांश किसानों ने धान की कटाई तो कर ली थी, लेकिन उसकी मिसाई नहीं कर पाए थे। इसी बीच मौसम में बदलाव हुआ, बेमौसम बारिश हुई और खेतों में कटी पड़ी धान बारिश से भीग गई। प्राकृतिक प्रकोप का ज्यादा असर लालबर्रा, बालाघाट, वारासिवनी, कटंगी, खैरलंाजी, बैहर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है।
धूप में सूखा रहे फसल
बारिश थमने और तेज धूप खिलने के बाद किसान अब बारिश से भीगी फसल को सूखाने का कार्य कर रहे हैं। ताकि किसानों को कुछ अच्छी धान मिल सकें। हालांकि, किसानों का कहना है कि धान की फसल सूखने और मिसाई करने के बाद ही पता चल पाएगा कि कितनी धान अच्छी है और कितनी खराब। लेकिन बाहरी तौर पर 50 प्रतिशत धान खराब हो चुकी है। इसकी गुणवत्ता भी खराब हो रही है।
करीब 50 प्रतिशत धान हुई खराब
जिले में जिन क्षेत्रों में सर्वाधिक बारिश हुई है, उन क्षेत्रों में फसलों को अधिक नुकसान हुआ है। खेतों में कटी पड़ी रखी हुई करीब 50 प्रतिशत धान खराब हो गई है। जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि बारिश से जो धान खराब हुई है, उसे न तो सोसायटियों में खरीदा जाएगा और न ही व्यापारी इसे लेंगे। जिससे किसानों को काफी आर्थिक क्षति होगी।
सर्वे कर मुआवजा दिए जाने की मांग
बेमौसम बारिश से खराब हुई फसल का सर्वे कर मुआवजा दिए जाने की मांग किसानों ने की है। किसानों के अनुसार पहले पानी की कमी से और अब पानी की अधिकता से फसल खराब हुई है। पूर्व में किसानों ने जैसे-तैसे फसल तो लगा ली थी, लेकिन फसल के पकने के बाद मौसम ने किसानों को नुकसान में डाल दिया। जो लागत लगाई थी, वह भी अब निकल पाना मुश्किल हो रहा है। किसान दुविधा में है। शासन-प्रशासन सर्वे कर मुआवजा प्रदान करता है तो किसानों को कुछ राहत मिल सकती है।
इनका कहना है
मैने चार एकड़ भूमि पर धान की फसल लगाई थी। फसल का उत्पादन अच्छा था, लेकिन बेमौसम बारिश से 50 प्रतिशत से अधिक धान की फसल खराब हो गई है। धान की बालियों में अंकुर आने लगा है। जिससे काफी नुकसान हुआ है।
-दिलीप सोनवाने, किसान, गणेशपुर
लगातार बारिश होने और आसमान में बदली छाए रहने से कटी हुई धान की फसल की गुणवत्ता खराब हो रही है। धान पाखड़ और बदराने लगी है। ऐसी धान को न तो सोसायटियों में खरीदा जाता है और न ही व्यापारी इसे लेते हैं।
-राजू पंचेश्वर, किसान
प्रतिवर्ष मावठे की बारिश से किसानों को काफी नुकसान होता है। इस वर्ष भी ऐसा ही हुआ है। इस बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। किसान बड़ी मुश्किल से फसल लगाता है, लेकिन प्राकृतिक आपदा से उन्हें नुकसान झेलना पड़ता है।
-शिवप्रसाद कटरे, किसान
बारिश से खराब हुई फसल का शासन-प्रशासन को शीघ्र सर्वे कराना चाहिए। जिस किसान की जितनी फसल खराब हुई है, उसे उस लिहाज से मुआवजा प्रदान किया जाए। ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सकें। किसान काफी परेशान है।
-फूलसिंह कोकोटे, किसान

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