आषाढ़ के महीने में भी रूठे बदरा
बारिश का बेसब्री से इंतजार किसान चिंतित-
आषाढ़ के महीने में भी रूठे बदरा
कटंगी। आषाढ़ का महीना चल रहा है, लेकिन बारिश का अब तक अता-पता नहीं है। दो दिन पहले हल्की बारिश के बाद आसमान फिर से साफ हो गए है और तेज धूप के साथ चिपचिपी गर्मी पड़ रही है। मौसम को देखकर बारिश के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं। जबकि सभी को बारिश का बहुत ही बेसब्री से इंतजार है। किसान परेशान तथा चिंतित है, चुकिं वह धान की फसल लगाने के लिए लगभग तैयारी कर चुका है। बारिश होते ही किसान सबसे पहले रोपनी तैयार करेगा इसके बाद फसल लगाई जाएगी। लेकिन अभी तक बारिश नहीं होने से किसान बहुत डरा हुआ है। वहीं बारिश नहीं होने से पेयजल संकट भी लगातार बढ़ते ही जा रहा है। ग्रामीण अंचलों में पेयजल संकट को देखते हुए जनता काफी परेशान तथा व्याकुल है। किसानों की नजर आसमान पर टिकी हुई है और बारिश का इंतजार सभी कर रहे हैं।
जून के महीने में बारिश का मौसम शुरू होता है, जब दक्षिण पश्चिम मानसून की हवाएं चलने लगती हैं। अभी जून का महीना अंतिम चरण पर है, लेकिन बारिश का नामोनिशान नहीं है। गौरतलब हो कि बारिश का मौसम क्षेत्रीय किसानों के लिए काफी महत्पपूर्ण होता है। क्योंकि किसानों को धान की खेती के लिए अधिक पानी की जरुरत होती है। क्षेत्र में बड़ी संख्या में किसान अपने परिवार के भोजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए मानसून-बारिश पर निर्भर हैं। कटंगी इस साल एक बार फिर बारिश को तरसता नजर आ रहा है। हालांकि प्री मानसून की एक अच्छी बारिश ने कुछ राहत दी है, लेकिन किसानों के लिए अभी तक पर्याप्त बारिश नहीं हो पाई है। ऐसे में अब समय निकल रहा है। क्षेत्र में धान की फसल की बुआई का समय जुलाई है। इस बार अच्छे मानसून की उम्मीद थी लेकिन अब तक शुरुआत ही नहीं हुई है। किसानों के खेतों को अभी भी बारिश का इंतजार है।