तेज गर्मी का कहर, चिकित्सको ने जारी की सलाह
शिशुओं, बच्चों और वृद्धों को लू से बचाने के लिए जरुरी जतन करें
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बालाघाट. भीषण गर्मी के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार ने खास तौर पर शिशुओं, बच्चों और वृद्धों को गर्मी के मौसम के दौरान लू से बचाने के लिए एडवाईजरी जारी की है। एडवाईजरी में लू से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों और किए जाने वाले उपायों को रेखांकित किया गया है।
जारी एडवाईजरी में शिशुओं को लू से बचाने के लिए उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाने तथा उन्हें गर्मी की वजह से होने वाली बीमारियों के प्रारंभिक लक्षणों की जानकारी रखने की सलाह अभिभावकों को दी गई है। यदि शिशु की पेशाब का रंग गहरा है तो यह उसके डिहाईड्रेशन पानी की कमी का शिकार होने का संकेत है। शिशुओं को बिना देख-रेख खड़ी गाड़ी में छोड़कर नहीं जाना चाहिए क्योंकि गर्मी के मौसम में वाहन जल्दी गर्म होकर खतरनाक तापमान पैदा कर सकता है।
इसी प्रकार अपने बच्चों को तेज लू से बचाने के लिए यह जरूरी है कि उनके साथ हमेशा पानी की बोतल रखी जाए और वे नीबू पानी, छाछ, नारियल पानी या ताजे फलों के रस का नियमित रूप से सेवन करें। बच्चों को हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनाए जाएं। बच्चे अपना सिर ढंककर रखें। इसके लिए कपड़े, हैट या छतरी का उपयोग किया जाए। अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गर्मी के मौसम में बच्चे जंक फूड का सेवन न करें बल्कि ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना ही खाएं। खास तौर पर इस मौसम में बच्चों को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक सीधी धूप में खेलने की इजाजत न दी जाए और शाम के समय ही खेलने भेजा जाए। अभिभावकों को आगाह किया गया है कि यदि बच्चे चक्कर आएं, उल्टी, घबराहट या तेज सिरदर्द हो, सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो रही हो तो उसे फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
वृद्धजनों का ऐसे रखे ख्याल
बढ़ती गर्मी में वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियों की खास देखभाल की जरुरत पर जोर देते हुए एडवाईजरी में कहा गया है कि तेज गर्मी के दौरान यदि वृद्धजन अकेले हों तो दिन में कम से कम दो बार उनकी जांच की जानी चाहिए। उनके पास फोन भी उपलब्ध रहे। यदि वे गर्मी से बेचैनी महसूस कर रहे हों तो उन्हें ठंडक देने की कोशिश की जाए। उनके शरीर को गीला रखें, उन्हें नहलाएं अथवा उनकी गर्दन तथा बगलों में गीला तौलिया रखें। उनके शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ डॉक्टर या एम्बुलेंस बुलाएं। वृद्धजन को हमेशा अपने पास पानी की बोतल रखने की समझाईश भी दी जाए।