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बालाघाट

पहले विधानसभा अब लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की तैयारी

सिवनहेटी के ग्रामीणों ने पुलिया बनाने की रखी मांग-

बालाघाटFeb 20, 2019 / 04:57 pm

mukesh yadav

puliya

पहले विधानसभा अब लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की तैयारी

कटंगी/तिरोड़ी। विधानसभा क्षेत्र कटंगी के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत खरपडिय़ा के सिवनहेटी गांव के वांशिदें लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने की तैयारी कर रहे हैं। इस गांव के ग्रामीणों ने अभी हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया था और अब लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने की तैयारी कर रहे हैं। इन ग्रामीणों को लगता है कि नेताओं के आश्वासन के आसरे उन्होंने काफी वक्त बिता लिया है। लेकिन अगर मांग पूरी करना हो तो चुनाव का बहिष्कार ही एकमात्र रास्ता बचता है। दरअसल, इस गांव के ग्रामीणों की एक ही प्रमुख मांग है कि सिवनहेटी से तिरोड़ी को जोडऩे वाले मुख्य मार्ग पर बहने वाले नाले में पुलिया का निर्माण शीघ्र किया जाए, जब तक उनकी यह मांग पूरी नहीं होती वह लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा नहीं लेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि सांसद बोधसिंह भगत अपने पूरे कार्यकाल के दौरान एक बार भी उनके गांव नहीं आए हैं। जबकि नवनिवार्चित विधायक टामलाल सहारे ने भी उनकी सुध नहीं ली है। ग्रामीणों की माने तो अधिकारी भी कभी गांव में झांक कर नहीं देखते। इस कारण गांव में समस्याओं को अंबार लगा हुआ है। इन ग्रामीणों की सबसे बड़ी मजबुरी तो यह है कि यह लोग अपनी मांग को मनवाने के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन भी नहीं कर सकते। इन ग्रामीणों को अपना तथा अपने परिवार का पेट पालने के लिए हर रोज मेहनत, मजदुरी करनी पड़ती है। इधर, पुलिया निर्माण को लेकर चर्चा है कि नाले पर करीब 120 मीटर लंबा पुल का निर्माण होगा। इसके लिए नापजोप हो चुका है, लेकिन सिवनी के सेतु संभाग को लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग जबलपुर में परिवर्तित किया गया। इस कारण इसकी पुल का निर्माण कार्य कब शुरू होगा, यह कहना काफी मुश्किल है।
६०० की आबादी में २१० मतदाता
छह: सौ लोगों की आबादी वाले सिवनहेटी गांव में करीब 210 मतदाता है। जिन्होंने विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं किया था। इन ग्रामीणों ने बताया कि गांव को तिरोड़ी से जोडऩे वाले मुख्य मार्ग पर एक नाला बहता है। बारिश के दिनों में इस नाले से पानी बहता है। इस कारण आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता है। ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बच्चे जान-जोखिम में डालकर नाला पार कर पढ़ाई के लिए तिरोड़ी जाते है और कई बार अधिक पानी होने पर वह स्कूल ही नहीं जा पाते। महिलाओं ने बताया कि गांव में अगर, कोई महिला गर्भवती हो जाए तो उसके लिए वाहन तक नहीं पहुंच पाता। बताया गया कि ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए पूर्व सरपंच अनुप साकरे ने हाल ही में नाले पर मिट्टी मुरूम डालकर रास्ता तैयार करवाया है। जिससे सिर्फ गर्मी के मौसम में आना जाना हो सकता है।
पुलिया नहीं तो चुनाव नहीं
ग्रामीण आंनद सेन्दरे, राज दशमेर, युवराज सेन्दरे, गोविंदराम नेवारे, संजय राउत, मुकेश राउत, सतीश दसमेर, रामेश्वर नेवारे, उमेश नेवारे, मनोज राउत, संतोष मानकर, जितेन्द्र राउत, शैलेन्द्र सेन्दरे, विजय बोपचे, प्रकाश सेन्दरे, कैलाश सेन्दरे, हरिप्रसाद चौधरी, रविन्द्र नेवारे, चन्द्रप्रकाश चौधरी, महेन्द्र सेन्दरे, छोटू सेन्दरे, नीलकमल सेन्दरे, रूकमीबाई सेन्दरे, सुलोचना नेवारे, कल्पना बोपचे, सीता नेवारे, रीना दशमेर, द्वारका सेन्दरे सहित अन्य ग्रामीण तथा युवाओं ने बताया कि उन्हें पूर्व विधायक केडी देशमुख ने आश्वासन दिया था कि पुलिया का निर्माण करवाया जाएगा। लेकिन 5 साल सांसद और 10 साल तक विधायक रहने के बाद भी उनके द्वारा पुलिया निर्माण नहीं करवाया गया। अब ग्रामीण चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे।

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