बालाघाट. मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय में मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की मानव अधिकार संरक्षण में प्रासंगिकता विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह गोष्ठी रजिस्ट्रार सिविल कोर्ट सचिव आसिफ अब्दुल्लाह व विभूति तिवारी जिला विधिक सहायता अधिकारी की उपस्थिति में संपन्न हुई। विचार गोष्ठी में समाज सेवी, अधिवक्ता, प्रशासनिक अधिकारी तथा पैरालीगल वालेंटियर्स को भी आ
मंत्रित किया गया था। विचार गोष्ठी के प्रारंभ में विभूति तिवारी ने कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके बाद मानव अधिकार आ
योग की संयोजिका फिरोजा खान ने मानव अधिकारों के संरक्षण के संबंध में चर्चा की। आयोग मित्र मेजर एमएम अली ने भी मानव अधिकारों पर चर्चा के साथ शिक्षा ब्यवस्था में अनेक सुधारों की आवश्यकता बताई। समाज सेवी आशा बेदी ने बताया कि वे विगत कई वर्षों से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जुड़ी हैं और जिला प्राधिकरण की गतिविधियों से अवगत हैं। जिला प्राधिकरण के अधिकारियों का जेल में जाकर बंदियों की देख-रेख तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विधिक साक्षरता शिविर लगाए जाकर जनता को मानव अधिकारों व कर्तब्यों की जानकारी दी जा रही है जिससे लोगों में जागरुकता आई है, जिसका समर्थन पैरालीगल वालेंटियर अजय ठाकुर, ईशूलाल धावड़े, सुनीता बाघमारे, शुभम बाघमारे ने भी किया। इसी तरह अन्य आमंत्रितों ने भी अपने विचार रखे।
मानसिक रोगियों के लिए प्रयासविचार गोष्ठी में जिन-जिन विषयों पर चर्चा की गई। उनमें से संरक्षण गृह का निर्माण राज्य शासन का विषय होने की जानकारी सलिल चतुर्वेदी द्वारा दी जाकर बताया गया कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के लिए विशेष प्रयास जिला प्राधिकरण द्वारा विगत दिनों किए गए हैं। साथ ही सभी विषयों पर आम जन को जागरूक कर योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए और मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। विचार गोष्ठी में जिला प्राधिकरण से ममता उपवंशी, उमेश सिंगनदुपे, हृदयराज मेहरा, प्रियंका नागेश्वर भी उपस्थित रहे।