रोड नहीं तो वोट नहीं, चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
बालाघाटPublished: Jul 23, 2021 10:24:39 pm
ग्रामीणों ने रोड पर रोपा लगाकर किया विरोध प्रदर्शन, दलदल में तब्दील हुई सड़क, जपं परसवाड़ा के ग्राम पंचायत रुपझर का मामला
रोड नहीं तो वोट नहीं, चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
बालाघाट/उकवा. रोड नहीं तो वोट नहीं। ग्रामीणों ने अभी से चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है। इधर, शुक्रवार को ग्रामीणों ने रोड पर रोपा लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल, बारिश होते ही दलदल में तब्दील हुई सड़क ने ग्रामीणों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। शुक्रवार को ग्रामीणों ने दलदल में तब्दील हुई सड़क में धान का रोपा लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं ग्रामीणों ने चेतावनी भी दी है कि यदि समय रहते रोड का निर्माण नहीं कराया जाता है तो आगामी समय में सभी चुनाव का बहिष्कार भी करेंगे। मामला जिले के जनपद पंचायत परसवाड़ा के ग्राम पंचायत रुपझर का है।
ग्राम पंचायत रुपझर के ग्रामीण तिलकराम गौतम, हेमराज चौहान, जियालाल चौधरी, फेकनसिंह मर्सकोले, योगेश्वर चौधरी, राजेश मर्सकोले, सरपंच प्रतिनिधि मोहनलाल जगने, बाबूलाल पंद्रे सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि रूपझर से बैगा बसाहट टोला जिसे हुड्डी टोला के नाम से भी जाना जाता है, उक्त टोला मुख्य मार्ग से करीब ढाई किलोमीटर की दूरी पर है। रूपझर से हुड्डीटोला सड़क बनवाने के लिए ग्रामीणों के द्वारा ग्राम सभा आयोजित कर प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसके बाद भी शासन के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। जबकि हुड्डीटोला में प्राथमिक शाला, आंगनबाड़ी केंद्र और बैगा आदिवासी निवास करते हैं। साथ ही उक्त सड़क सिंचाई विभाग के दो जलाशय तक पहुंचती है। जलाशय से लगभग 800 हेक्टेयर की सिंचाई होती है। बरसात के दिनों में सड़क पर कीचड़ और बड़े-बड़े गड्ढे होने से पढऩे वाले बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। अगर किसी ग्रामीण की तबीयत खराब होती है, तो वाहन भी गांव तक नहीं पहुंच पाता है। जिसके कारण मरीजों की असमय ही मौत भी हो जाती है।
विदित हो कि केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं प्रधानमंत्री सड़क योजना के माध्यम से छोटे-छोटे गांव को जोडऩे के लिए पक्की सड़क का निर्माण करवा रही है। लेकिन क्षेत्र में ऐसी अनेक ग्राम पंचायत हैं, जहां अभी तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है।
दस वर्षों से जनप्रतिनिधियों से लगा रहे गुहार
ग्रामीणों का कहना है कि 10 वर्षों से सांसद, विधायक को आवेदन देकर समस्या से अवगत कराया गया है। लेकिन उनके द्वारा केवल कोरा आश्वासन ही दिया गया है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि सड़क का निर्माण नहीं किया जाता है तो आगामी समय में चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के समय सांसद ग्राम रुपझर में आए थे, उस समय सांसद को समस्या बताई गई थी। तब सांसद ने कहा था कि उन्हें चुनाव में विजयश्री दिलवाओ, तो सड़क अवश्य बन जाएगी। लेकिन चुनाव बीतने के बाद भी सांसद ने आज तक गांव में एक बार भी आकर नहीं देखा और न ही सड़क निर्माण के लिए कोई प्रयास किया।
३६ लाख रुपए की राशि हुई है स्वीकृत
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उक्त सड़क मुख्यमंत्री सड़क योजना के नाम से आरइएस विभाग को दे दी गई है। उक्त सड़क निर्माण के लिए शासन द्वारा 36 लाख रुपए की राशि भी स्वीकृत की गई है, जिसका सूचना बोर्ड भी लगाया गया है। लेकिन विभाग द्वारा निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। बल्कि सूचना बोर्ड लगाकर वैसे ही छोड़ दिया गया है। सूचना बोर्ड भी अब दिखाई नहीं देता है। इधर, ग्रामीणों ने संभावना जताई है कहीं यह सड़क कागजों पर तो नहीं बना दी गई।