आरक्षक की भर्ती प्रक्रिया में बालाघाट के एक युवक की फिर हुई मौत
ग्रामीणों ने शव रखकर किया विरोध प्रदर्शनएक पखवाड़े के भीतर दूसरी घटनाशारीरिक दक्षता परीक्षण के दौरान हुई दोनों युवकों की मौत
आरक्षक की भर्ती प्रक्रिया में बालाघाट के एक युवक की फिर हुई मौत
बालाघाट. जबलपुर संभाग मुख्यालय में आइटीबीपी बटालियन के आरक्षक की भर्ती प्रक्रिया के दौरान एक युवक की मौत हो गई। मृतक प्रभुदयाल पिता गोरेलाल लिल्हारे (२१) ग्रामीण थाना नवेगांव अंतर्गत ग्राम आमगांव विश्रामपुर निवासी है। एक पखवाड़े के भीतर यह दूसरी घटना है। इसके पूर्व लांजी क्षेत्र के ग्राम सावरी निवासी इंद्रकुमार लिल्हारे की भी भर्ती प्रक्रिया के दौरान मौत हो गई। इंद्रकुमार की मौत का मातम अभी कम भी नहीं हुआ था कि 21 मई को दूसरी घटना हो गई।
रविवार को युवक का शव जैसे ही आमगांव विश्रामपुर पहुंचा। परिजनों और ग्रामीणों ने शव सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया। मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, नायब तहसीलदार और पुलिस के आला अधिकारियों ने पहुंचकर मामले को शांत कराया। परिजनों और ग्रामीणों ने मांग की है कि पीडि़त परिवार को मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी प्रदान की जाए। इधर, प्रशासनिक अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया। युवक की मौत के बाद क्षेत्र में गम का माहौल है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस भीषण गर्मी में भर्ती प्रक्रिया किए जाने को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोष है।
जानकारी के अनुसार जबलपुर मुख्यालय में 18 मई से आइटीबीपी में आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जिसमें देश के कई शहरों के आवेदक भाग ले रहे हैं। बालाघाट के आमगांव विश्रामपुर निवासी प्रभुदयाल लिल्हारे ने भी आइटीबीपी में आरक्षक पद के लिए आवेदन किया था। शनिवार सुबह उसे दौड़ के लिए बुलाया गया था। पांच किलोमीटर की दौड़ पूरी करने के बाद प्रभुदयाल जमीन पर गिर पड़ा। जमीन पर गिरते ही आइटीबीपी के अधिकारी अवाक रह गए। बिना देर किए एंबुलेंस बुलाई और उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
इनका कहना है
जबलपुर में आयोजित आइटीबीपी की भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए प्रभुदयाल की मौत हो गई है। ग्रामीणों की मांग का निराकरण करने के लिए वरिष्ठ स्तर पर जानकारी दे दी गई है। जो भी निर्णय होगा, उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
-विजय डाबर, एएसपी, बालाघाट
भीषण गर्मी में इस तरह की भर्ती प्रक्रिया नहीं करानी चाहिए। जिले में एक पखवाड़े के भीतर दूसरी घटना हो चुकी है, जिसके लिए आज विरोध प्रदर्शन किया गया है। पीडि़त परिवार को शासन की ओर से मुआवजा व नौकरी देना चाहिए।
-मधु भगत, पूर्व विधायक, परसवाड़ा
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