शरीर की कमियों को पूरा करना ज़रूरी
शरीर में तरल पदार्थों की कमी होने के कारण मसल्स ज्यादा आसानी से खराब होने लगते हैं और शरीर में ऐंठन होने लगती है। आमतौर पर पैरों की ऐंठन मसाज करने से, स्ट्रेचिंग आदि से चली जाती है, लेकिन अगर ये खराब ब्लड सर्कुलेशन या शरीर में किसी जरूरी लिक्विड की कमी से हो रहा है तो ये समस्या बढ़ी हुई है और उस समय शरीर की कमी को पूरा करना जरूरी हो जाएगा। इसके अलावा नेलपॉलिश के ज्यादा इस्तेमाल से भी नाखून पीले हो जाते हैं। लेकिन अगर नाखूनों में परत बन रही है, रंग ज्यादा गहरा हो रहा है तो किसी तरह से फंगल इन्फेक्शन की समस्या भी हो सकती है। इसकी जांच करवाना ज्यादा जरूरी है। अगर नाखून में कोई खराबी दिख रही है या उसका रंग बाकी नाखूनों से अलग है, अगर दर्द हो रहा है, या नाखून मोटे हो गए हैं तो ये समस्या बड़ी भी हो सकती है। हो सकता है कि किसी तरह की स्किन की बीमारी हो गई हो या फिर कैंसर जैसी बड़ी बीमारी का संकेत भी मिल सकता है। लंग कैंसर का एक लक्षण ये भी है कि नाखून आगे से मुड़ने लगते हैं, या मोटे होने लगते हैं, या फिर उनका रंग बदल जाता है।
इस वजह से होता है हाइपरकेराटॉसिस
कुछ लोगों के पैरों की स्किन लगातार फटती रहती है, ऐड़ियों से खून भी रिसता रहता है और किसी तरह की कोई दवा इनपर असर नहीं करती। ये समस्या है हाइपरकेराटॉसिस (hyperkeratosis)। यह समस्या आमतौर पर लोगों को बढ़ती उम्र में होती है। इसके अलावा अगर पैरों से बदबू आती हो तो यह एक तरह के इन्फेक्शन का कारण होता है, इससे आपको कोई बड़ी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके अलावा, पैरों में खुजली, पैरों में सुइयों जैसी चुभन होना, छाले होना, उंगलियों के बीच में सूजन और सूखापन होना आदि ये सब समस्या है। पैरों का इन्फेक्शन कई बार खतरनाक हो सकता है। इसे बिल्कुल भी नज़अंदाज ना करें, तुरंत अच्छे चिकित्सक से इसपर सलाह लें।