scriptवर्षों से अंधेरे में कट रही ग्रामीणों की रात | Night of villagers cut in the dark for years | Patrika News
बालाघाट

वर्षों से अंधेरे में कट रही ग्रामीणों की रात

आदिवासी गांवों में शो-पीस बने बिजली के खंभे

बालाघाटJan 14, 2018 / 11:58 am

Bhaneshwar sakure

balaghat news
बालाघाट. जिले के वनांचल आदिवासी क्षेत्र के हाल अब भी बेहाल है। ग्रामीणों का दिन तो आसानी से कट जाता है, लेकिन रात उनकी डर के साए में बीतती है। दरअसल, इन गांवों में बिजली नहीं है। जिसके कारण ग्रामीणों को रात्रि में अनचाहा डर बना रहता है। मामला दक्षिण बैहर क्षेत्र के आदिवासी ग्राम बोददलखा, डोंगरिया, ईक्को सहित अन्य ग्रामों का बना हुआ है। विडम्बना यह है कि इन गांवों के ग्रामीण बिजली के संबंध में शिकायत भी करते हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी इन ग्रामीणों की सुनते नहीं है। जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बैहर के अंतर्गत ग्राम पंचायत लातरी के डोंगरिया गांव में ७० मकानों में चार सौ से अधिक आदिवसी निवास करते हैं। इसी तरह वनग्राम बोदालदलखा में २६ घरों में एक सैकड़ा से अधिक आदिवासी बैगा निवास करते हैं। इन गांवों में बिजली के खंभे तो लगा दिए गए हैं, लेकिन बिजली नहीं है। डोंगरिया में विद्युत विभाग के अधिकारी छह माह से फाल्ट नहीं खोज पा रहे हैं। जबकि बोदादलखा में पिछले ६-७ वर्षों से बिजली ही नहीं पहुंच पाई है। जिसके कारण इन ग्रामों के आदिवासियों को अंधेर में रात गुजारनी पड़ रही है। ये दोनों ग्राम तो बतौर उदाहरण है, जबकि ऐसे तीन दर्जन से अधिक ग्राम है, जहां बिजली की समस्या बनी हुई है।
लातरी सरपंच रामसिंह मेरावी ने बताया कि गांव में छह माह से बिजली गुल है। इसके लिए अनेक बार बिजली विभाग को शिकातय की गई। लेकिन सुधार कार्य नहीं हो पा रहा है। विधायक संजय उइके को भी लिखित शिकायत की गई। बावजूद इसके समस्या जस की तस बनी हुई है। इसी तरह बोदादलखा के पंच चुन्नीलाल उइके, वन समिति अध्यक्ष ज्ञान सिंह सिरसाम का कहना है कि उनके गांव में पिछले ६-७ वर्षों से बिजली के खंभे लगे हुए है। विभाग बकायदा इसका बिल भी दे रहा है। लेकिन बिजली बहाल नहीं कर पा रहा है। सचिव तिलक सिंह मर्सकोले का कहना है कि यह मामला जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में भी उठा था। लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है।
जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचते गांव
ग्रामीणों ने बताया कि उनका गांव जंगल में है। जिसके कारण न केवल जनप्रतिनिधि बल्कि अधिकारी भी गांव तक नहीं पहुंच पाते हैं। जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि जनप्रतिनिधि जब चुनाव होते हैं, उसी दौरान उनकी सक्रियता बढ़ जाती है। शेष दिनों में वे ग्रामीणों की सुध तक नहीं लेते हैं।
इनका कहना है
लातरी के डोंगरिया में फाल्ट नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। वरिष्ठ स्तर पर इसकी जानकारी दी जा चुकी है।
-वर्गीश जार्ज, जेई बैहर
गांव में बिजली की समस्या का मामला जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में भी उठाया गया था। लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
-तिलक सिंह मर्सकोले, सचिव, ग्रापं बोदालदलखा
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो