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बालाघाट

कोरोना के साथ अब तूफान और ओलावृष्टि का कहर

तीन गांवों में तूफान की तबाही, जनजीवन अस्त व्यस्त५० से अधिक मकान क्षतिग्रस्त, कई पक्षियों की मौतबिजली पोलों पर धराशायी हुए पेड़, गुल रही लाइनतूफान थमने पर सामने आया तबाही का मंजर

बालाघाटMay 07, 2021 / 07:59 pm

mukesh yadav

कोरोना के साथ अब तूफान और ओलावृष्टि का कहर

कोरोना के साथ अब तूफान और ओलावृष्टि का कहर


बालाघाट. कोरोना संक्रमण ने वैसे ही लोगों को परेशान कर रखा है, वहीं ०६ मई की रात्रि आए तेज तूफान और ओलों ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त व्यस्त कर दिया। तूफान और ओलावृष्टि का असर खासकर बालाघाट से नैनपुर राज्य मार्ग पर पडऩे वाले ग्राम चरेगांव, लवेरी और नेवरगांव में अधिक दिखाई दिया। इन गांवों में करीब आधा सैकड़ा से अधिक मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। कच्चे मकानों के टीन शेड उड़ गए। कवेलू वाले मकान धराशायी होकर जमींदोज हो गए। ओलावृष्टि से चमगादढ़ सहित अन्य पक्षियों की मौत के नजारे भी दिखाई दिए। वर्षो पुराने पेड़ों के धराशायी होकर बिजली के पोलो पर गिरने से सुबह तक बिजली आपूर्ती बाधित रही।
तूफान थमने पर दूसरे दिन ०७ मई को ग्रामींण अपनी बिखरी गृहस्थी को पुन: बसर करते नजर आए। जिन्होंने जिला प्रशासन से शीघ्र सर्वे कर मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।
तेज तूफान के साथ ओलावृष्टि
चरेगांव ग्राम प्रधान रेखा भगत के अनुसार इतने वर्षो में पहली बार इतना भीषण तूफान उनके गांव में देखने को मिला। रात्रि में अचानक हवाएं चलनी शुरू हुई जो कि तूफान में तब्दील हो गई थी। कुछ देर बाद थोड़े समय के लिए ओलावृष्टि भी हुई और चने के आकार के ओले गिरे। तूफान और ओला वृष्टि के दौरान पूरा गांव थम सा गया था। सभी अपने घरों में कैद हो गए थे। लेकिन फिर किसी के टीन शेड किसी के घर की पूरी छत उड़कर गिरनी शुरू हुई इस दौरान भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई थी। अपनी जान बचाने एक दूसरे के घर का लोगों ने सहारा लिया। सुबह देखा गया तो कई मकान, दुकान, शेड पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे। वहीं पक्षियों के मरने के दृश्य भी दिखाई दिए। हालाकि कोई जनहानि तो नहीं हुई लेकिन पुश-पक्षिओं की हानि और आर्थिक नुकसानी ग्रामींणों को वहन करनी पड़ रही है।
आम की फसल तबाह
जागरूक युवा मिथलेस जायसवाल ने बताया कि गांव के कई किसानों के अमरई में आम की फसल लहलहा रही थी। लेकिन तूफान के कारण फसल झड़ गई। आम की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। वहीं मकानों को दुरूस्त करने और अपनी गृहस्थी को पुन: बसाने भी ग्रामींणों को कई सप्ताह लग जाएंगे।
बाधित हुई बिजली व्यवस्था
ग्रामींणों ने बताया कि तूफान से कई पेड़ों के बिजली पोल पर गिरने से करीब दो दर्जन से अधिक बिजली के पोल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ०६ मई से ही बिजली व्यवस्था बाधित है। इन पोलों के सुधार कार्य में भी काफी समय लगने की जानकारी दी जा रही है। इस कारण बिजली व्यवस्था कब ठीक हो पाएगी कहा नहीं जा सकता है। सभी ग्रामींणो ने राजस्व अधिकारियों से मांग की है कि वैसे ही कोरोना संक्रमण के कारण काम बंधे बंद हैं। ऐसे में आर्थिक रूप से हुए नुकसान ने ग्रामींणों को सड़क पर खड़ा कर दिया है। शीघ्र ही सर्वे कर मुआवजा दिलवाए जाने की मांग की गई है।
वर्सन
कोरोना संक्रमण ने वैसे ही लोगों के काम धंधे सब बंद करवा दिए हैं। इस पर ओलावृष्टि और तूफान की तबाही ने ग्रामींणों को आर्थिक रुप से तोड़कर रख दिया है। ग्रामींणों को शीघ्र मुआवजा दिया जाना चाहिए।
मिथलेस जायसवाल, जागरूक युवा
तूफान काफी भयावह था, गांव में काफी नुकसानी हुई है। हमारे द्वारा व्यवस्थाएं बनाने प्रयास किए जा रहे हैं। किसी के घर की छत उड़ी है, तो किसी की पूरी गृहस्थी उजड़ गई है। प्रशासन से मांग है कि शासन से मुआवजा दिलाया जाएगा।
रेखा भगत, ग्राम प्रधान चरेगांव

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