50 से अधिक ग्रामों में बिजली की समस्या होगी दूर
सोनगुड्डा में बनकर तैयार हुआ विद्युत उपकेन्द्र
50 से अधिक ग्रामों में बिजली की समस्या होगी दूर
बालाघाट. जिले के नक्सल प्रभावित एवं आदिवासी बाहुल्य वाले क्षेत्र के मुख्य ग्राम सोनगुड्डा में 33/11 किलोवाट क्षमता का नया विद्युत उपकेन्द्र बनकर तैयार हो गया है। गत दिवस इस केन्द्र ने विधिवत काम करना प्रारंभ कर दिया है। इस विद्युत उपकेन्द्र से बनने से आदिवासी बाहुल्य वाले दूरस्थ क्षेत्र के 50 से अधिक ग्रामों में बिजली की समस्या दूर हो गई है।
सोनगुड्डा, डाबरी, चौरिया एवं उससे लगे 50 से अधिक ग्रामों व मजरे टोलों में अब तक उकवा के विद्युत उपकेन्द्र से बिजली प्रदाय की जाती थी। उकवा से घने जंगलों से गुजरने के बाद विद्युत लाईन सोनगुड्डा और उसके आगे के ग्रामों में पहुंचती है। घने जंगल, ऊंचे पेड़ों एवं दुर्गम क्षेत्र से गुजरने वाली बिजली की लाईन आंधी तूफान से प्राय: प्रभावित हो जाती थी और इसके कारण सोनगुड्डा व उसके आगे के ग्रामों में कई दिनों तक बिजली गुल रहने की स्थिति आ जाती थी। बिजली आने पर वोल्टेज एवं पावर की समस्या हमेशा बनी रहती थी। लेकिन अब सोनगुड्डा में नया विद्युत उपकेन्द्र बनने से घनों जंगलों से घिरे इस क्षेत्र के ग्रामों को बिना किसी व्यवधान के बिजली रोशन करती रहेगी।
तीन करोड़ की आई लागत
सोनगुड्डा में 03 करोड़ 33 लाख 50 हजार रुपए की लागत से नया विद्युत उपकेन्द्र बनाया गया है। 33/11 किलोवाट क्षमता का यह विद्युत उपकेन्द्र प्रारंभ कर दिया गया है। अब सोनगुड्डा, डाबरी, चौरिया, लफरा, घुम्मुर, घुनघुनवार्धा सहित 50 से अधिक ग्रामों में वोल्टेज की समस्या नहीं होगी और लंबे समय तक बिजली गुल होने की समस्या भी नहीं होगी।
वनांचल में बिखरी रोशनी
ग्राम पंचायत सोनगुड्डा के पूर्व सरपंच श्री तातूसिंह धुर्वे बहुत दिनों से सोनगुड्डा में विद्युत उपकेन्द्र बनवाने के लिए प्रयास कर रहे थे। उनके प्रयासों को जिला प्रशासन का भी सहयोग मिला और शासन से सोनगुड्डा में विद्युत उपकेन्द्र निर्माण के लिए 03 करोड़ 33 लाख 50 हजार रुपए की राशि मंजूर की गई थी। अब यह विद्युत उपकेन्द्र बनकर तैयार हो गया है और आदिवासी बाहुल्य वनांचल के ग्रामों में बिजली की रोशनी बिखरने लगा है। इससे इस क्षेत्र के ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है।