पंचों ने सामूहिक रुप से की इस्तीफा देने की पेशकश
पंचायत में हो रहा था मशीन से कार्य, शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से खफा है पंच, ग्राम पंचायत आंवलाझरी का मामला
पंचों ने सामूहिक रुप से की इस्तीफा देने की पेशकश
बालाघाट. सरपंच-सचिव, रोजगार सहायक और उपयंत्री की मनमानी के विरोध में पंचों ने सामूहिक रुप से इस्तीफा देने की पेशकश की है। दरअसल, ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत हो रहे निर्माण कार्य में ग्रामीणों को कार्य देने की बजाए मशीनों से कराया जा रहा था। इसकी शिकायत किए जाने के बाद भी संबंधितों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे खफा होकर पंचों ने सामूहिक रुप से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी। उन्होंने इसकी लिखित शिकायत जिपं व जपं सीईओ को दी है। मामला ग्राम पंचायत आंवलाझरी का है।
पंचों के अनुसार ग्राम आंवलाझरी में मनरेगा कार्यों में संबंधितों द्वारा अनियमितता बरती जा रही है। यहां जेसीबी मशीन से कार्य करवाया जा रहा है। जिसके कारण ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। वहीं नाम मात्र के ग्रामीणों को कार्य दिया जा रहा है, जिन्हें भी कम भुगतान किया जा रहा है। पंचायत के पंचों ने इस मामले की शिकायत भी की थी। लेकिन कार्रवाई में देरी होने से सभी पंचों ने सामूहिक इस्तीफा की पेशकश कर दी है। पंचों ने बताया कि पंचायत में मनरेगा व विकास कार्यों में सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व जांच कमेटी द्वारा पंचायत के रोकड़, विकास कार्यों और मनरेगा के कागजों की जांच की गई थी। जिसमें पंचों की शिकायत को सही पाया गया था। लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। सभी पंचों ने कहा है कि यदि कार्रवाई नहीं होती है तो वे सामूहिकरुप से इस्तीफा दे देंगे।
इन्होंने की इस्तीफे की पेशकश
उपसरपंच चोवालाल मोहारे, पंच अमरवंती लिल्हारे, मोनिल जैन, सुखलाल नागोसे, वेदवंती बघेले, पारबता लिल्हारे, उलासा नगपुरे, उर्मिला मड़ावी, कविता वैद्य, निर्मला बावने, रंजीता भिमटे, विजय चचाने, चंद्रावली नगपुरे, फुलवंता बनोटे, अनुसूईया नगपुरे, देवराज हट्टावार, संतोष लिल्हारे, सुरेश पिछोड़े शामिल है।
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