scriptअलग-अलग स्थानों पर बाघ की चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत | Panic among villagers due to tiger movement at different places | Patrika News
बालाघाट

अलग-अलग स्थानों पर बाघ की चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत

बाघ की मौजूदगी से कृषि कार्य करने खेतों तक नहीं जा रहे किसान

बालाघाटJul 31, 2021 / 09:14 pm

Bhaneshwar sakure

अलग-अलग स्थानों पर बाघ की चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत

अलग-अलग स्थानों पर बाघ की चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत

बालाघाट. वारासिवनी क्षेत्र के ग्राम सिर्रा के ग्रामीणों में बाघ की दहशत बनी हुई है। दरअसल, सिर्रा के जंगलों में लगातार बाघ का मूवमेंट बना हुआ है। वहीं बाघ के द्वारा बैल, भैंस पर हमले के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्रामीण कृषि कार्य के लिए खेतों की ओर भी बहुत कम ही जा रहे हैं। तीन दिवस पूर्व कंटगी लालबर्रा मार्ग पर सिर्रा ग्राम से मात्र दो किलोमीटर दूर 20 नंबर जगह पर नारबोदिया तालाब के पास ग्रामीणों ने एक और टाइगर को देखा तो सबके होश उड़ गए। देखते ही देखते टाइगर ने पहले भैंस के तीन बच्चों को दबोचने का प्रयास किया। लेकिन इन बच्चों की मां ने बच्चों को बचाने के लिए बाघ पर ही हमला कर दिया। अचानक हमले से घबराकर बाघ जब दूसरी ओर तेज गति से गया तब वहा पंद्रह से बीस किसान खेती का कार्य कर रहे थे। जिन्होंने शोर शराबा कर किसी तरह घर वापस हुए। लेकिन बाघ के हमले से घनीराम रांहगडांले की भंैस घायल हो गई। जिसके शरीर पर बाघ के चारो पंजे के निशान अभी भी बने हुए है।
इसी तरह सात दिवस पूर्व सिर्रा से तीन किलोमीटर सिलेझरी मार्ग पर त्रिवेदी मांइस के निकट भी मुख्य सड़क से पचास मीटर की दूरी पर एक बाघ ग्रामीणों को दिखा। उस जगह पर हल्की बारिश के कारण जगह-जगह बाघ के पैरों के निशान मिले। वहीं करीब बारह दिवस पूर्व बीट क्रमांक 495 नांदगांव वन समिति के क्षेत्र में एक बाघ ने एक बैल का शिकार कर लिया। किसान सालिकराम सेन्द्रे के बैल को शिकार करने के बाद दूसरे दिन तक बाघ ने अपनी कैद में ही रखा था। इस मामले मे जानकारी अनुसार वन विभाग ने कैमरा तक लगा दिया था। जिसमें उस बाघ के फोटो कैद हो गए।
सिर्रा ग्राम के किसान राजेन्द्र बिसेन ने बताया कि ग्राम के आसपास अलग-अलग स्थनों में बाघ की उपस्थिति से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। पिछले तीन दिनों से ग्राम के दर्जनों किसान खेती का कार्य करने नहीं जा रहे हंै। भाजपा नेता निरजंन बिसेन के अनुसार वन विभाग से मांग की गई है कि हांका गैग या पटाखे फोड़ कर सिर्रा ग्राम से इन बाघों को दूर करने का कार्य किया जाए। जिससे ग्रामीणों में डर का माहौल दूर हो सकें।
इनका कहना है
सिर्रा ग्राम के आसपास ग्रामीणों के बताए स्थानों पर वन विभाग ने मॉनिटरिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया है। चार बीटगार्ड व पांच चौकीदार चौबीसों घंटे सुरक्षा का कार्य सतत रूप से कर रहे हंै। जिस किसान का बैल बाघ के हमले में मृत हुआ है उसको मुआवजा देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
– यशपाल मेहरा, वन परिक्षेत्र अधिकारी वारासिवनी
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