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बालाघाट

गरीबों, बेघरों को नहीं मिला पीएम आवास

बेघरों ने कहा पक्का मकान नहीं तो झोपड़ी ही बना दों, पीडि़तों ने सरपंच से लगाई मदद की गुहार

बालाघाटJan 15, 2020 / 08:33 pm

Bhaneshwar sakure

गरीबों, बेघरों को नहीं मिला पीएम आवास

गरीबों, बेघरों को नहीं मिला पीएम आवास

बालाघाट. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार ने देश भर के गरीब और बेघर परिवारों को साल 2022 तक पक्की छत मुहैया कराने का खाका तैयार किया है। इस योजना के तहत अब तक बड़ी संख्या में आवासों का निर्माण हुआ है। मगर, मॉयल नगरी तिरोड़ी में एक भी गरीब और बेघर परिवार को योजना का लाभ नहीं मिला है। यहां मौजूदा वक्त में करीब 30 परिवार खुले आसमान को नीचे रहने को मजबूर हैं।
जानकारी के मुताबिक यह सभी परिवार करीब 30 सालों से मॉयल लिमिटेड के क्वॉटर में निवास कर रहे थे। मॉयल ने करीब 2 माह पहले ही क्वाटरों को डिस्मेटल करवा दिया। जिसके बाद से ये परिवार सड़क पर आ गए है। जिसके चलते इन परिवारों की महिलाओं ने आज फिर एक बार ग्राम पंचायत कार्यालय जाकर सरपंच आंनद बरमैया को अपनी व्यथा सुनाई। महिलाओं ने सरपंच ने अनुरोध किया कि वह पक्का मकान नहीं तो कम से कम कच्ची झोपड़ी दे दी जाए।
प्राप्त जानकारी अनुसार तिरोड़ी में अनिता उइके, आशा कटौते, जमना यादव, सुमिता महानंदे, जमना मड़ावी, सरीता रौतेल, कविता कटौते, फुलाबाई भोयर, डेमिन लेडिया, गीता महानंदिया, मैना लेडिया, प्रेमा कटौते, शीशुकला कटौते, जानकी कोड़ापे, कुमारी सार्वा, तुलसा कटौते, मालती गावरे, द्वारका राउत, उर्मिला मड़ावी, सुनिता रौतिया, ललीता भलावी, रामेश्वरी नेताम, अन्तकला सहारे, उर्मिला कटौते, शीला वरकड़़े, नीतु कटौते, तीजिया मरकाम, सरोज चौरे, मीना कावरे, रामकुमारी जावरे, सुरज बाई मड़ावी का परिवार बेघर है। इन सभी से सरपंच को ज्ञापन सौपकर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने की मांग की है।
विदित हो कि ग्राम पंचायत तिरोड़़ी का एसईसीसी डाटा केन्द्रीय सर्वर में नहीं होने से यहां के ग्रामीणों को केन्द्र सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस योजना का लाभ नहीं मिलने के कारण तिरोड़ी पंचायत में किसी भी पात्र हितग्राही को आवास नहीं मिल पाया है। सरपंच इस संबंध में कई बार वरिष्ट अधिकारियों एवं विभागीय मंत्रियों को शिकायत कर चुके है। लेकिन इतनी शिकायतों के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। बता दें कि पीएमओ में शिकायत के बाद आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए कुछ बदलाव किए गए थे। जिसके चलते पंचायत ने आवास प्लस पोर्टल पर पंचायत के 674 पात्र परिवारों के नाम जोड़े है। यह सभी नाम पोर्टल पर प्रदर्शित भी हो रहे है। पंरतु आज तक किसी भी ग्रामीण को आवास योजना का लाभ नहीं मिला है।
इनका कहना है
30 सालों से मॉयल के क्वार्टर में रह रहे थे। 2 महीने पहले मॉयल ने क्वार्टर तोड़ दिए। अब हम बेघर हो चुके है। आवास योजना का लाभ ही नहीं मिल रहा है।
-प्रेमा कटौते, ग्रामीण
प्रधानमंत्री ने 2022 तक देश के हर बेघर व्यक्ति के पास खुद का मकान का वादा किया था। हम बेघर हो गए है, लेकिन हमारी कोई चिंता ही नहीं कर रहा है।
-सुरजबाई कटौते, ग्रामीण
जब हमें मॉयल ने क्वार्टर खाली करने के लिए कहा था। तब से लेकर अब तक कई बार आवास योजना का लाभ दिलाए जाने की मांग लिए पंचायत आ चुके है।
-डेनिम लेडिया, ग्रामीण
आवास प्लस पोर्टल पर पंचायत के 674 पात्र परिवारों के नाम जुड़वाए गए है। लेकिन अब तक एक भी व्यक्ति को आवास का लाभ नहीं मिला। पहले एसईसीसी डाटा केन्द्रीय सर्वर से गायब होने की वजह से दिक्कत थी। इसे सुधारने के लिए दिल्ली और भोपाल के कई चक्कर काटने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
– आंनद बरमैया, सरपंच, ग्रापं तिरोड़ी

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