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बालाघाट

प्राथमिक शाला नयाटोला में शिक्षकों की मनमानी, पढ़ाई प्रभावित

क शाला नयाटोला में शिक्षक नियमों को ताक पर रखकर मनमर्जी से स्कूल का संचालन कर रहे है।

बालाघाटSep 19, 2018 / 08:52 pm

mukesh yadav

manmani

प्राथमिक शाला नयाटोला में शिक्षकों की मनमानी, पढ़ाई प्रभावित

कटंगी। विकासखंड के तिरोड़ी संकुल के अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक शाला नयाटोला में शिक्षक नियमों को ताक पर रखकर मनमर्जी से स्कूल का संचालन कर रहे है। जिससे गरीब बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जानकारी के मुताबिक इस पाठशाला में दो शिक्षक पदस्थ है। लेकिन प्रतिदिन एक ना एक शिक्षक स्कूल से नदारद रहता है। दरअसल, इस स्कूल के एक शिक्षक और एक ही शिक्षिका है। जिन्होंने मिलकर यह तय किया हुआ है कि आज कौन स्कूल संभालेंगा। इसी आधार पर यह स्कूल चल रहा है। बच्चों ने बताया कि शुरू में सर-मैडम दोनों आते थे। लेकिन अब कभी सर आते हैं तो कभी मैडम। मगर, विडंबना देखिए कि कभी अधिकारी इस स्कूल का निरीक्षण तक नहीं करते। बच्चों ने बताया कि स्कूल परिसर में पीने का पानी तक नहीं है, जो हंै़पंप लगा था, उसके आसपास भारी गंदगी है। जिसे साफ नहीं करवाया जा रहा है।
विदित हो कि क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के बहुत ही बुरे हाल है। चंद स्कूलों को छोड़कर किसी भी सरकारी स्कूल मानक स्तर की पढ़ाई नहीं हो रही है। इन्हीं स्कूलों में शासकीय प्राथमिक शाला नयाटोला भी शामिल है। इस स्कूल के शिक्षक और शिक्षिका बच्चों को पढ़ाने के नाम पर सरकार से प्रतिमाह मोटी तनख्वाह तो ले रहे हैं। लेकिन बच्चों की पढ़ाई में इनका कोई ध्यान नहीं है। यहां पढ़ाई के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है। सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो यह है कि गरीब अभिभावकों में अशिक्षा तथा जागरूकता की कमी के चलते वह भी आवाज नहीं उठा पा रहे हैं। वहीं जनता के चुने नुमाईदों का भी इस ओर बिलकुल ध्यान नहीं है। हाल के दिनों में वह आगामी समय में होने वाले चुनावों की तैयारी में लग गए हैं।
बता दें कि शासकीय नया टोला स्कूल में बकायदा शिक्षक तथा शिक्षिका का लिखा एक आवेदन पत्र मौजूद है। यह आवेदन पात्र स्कूल से कभी भी जनशिक्षा केन्द्र या संकुल तक नहीं पहुंचता। इस आवेदन के पीछे की कहानी कुछ यूं है कि इसे ब्रह्मास्त्र की तरह उपयोग में लाया जाता है। यानी कि जब कभी कोई विभाग का अधिकारी जनशिक्षक, संकुल प्राचार्य या बीआरसी अचानक से स्कूल में दौरे पर पहुंच जाए तो उन्हें बता दिया जाएं कि सर या मैडम अवकाश का आवेदन कर गए हुए हैं। यह सिलसिला नया शिक्षण सत्र शुरू होने के महज एक महीने बाद से शुरू हुआ है और अब भी निरंतर जारी है।
इनका कहना है।
अगर, नया टोला में इस प्रकार से हो रहा है तो इसकी जानकारी लेकर जांच करवाई जाएगी जो शिक्षक गैरमौजूद मिलेगा उनका वेतन काटा जाएगा।
दर्पण गौतम, विखं स्त्रोत समन्वयक

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