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बालाघाट

पुत्र ने मां के पैरों में जंजीर बांधकर किया कैद

तीन वर्ष बाद जंजीरों से आजाद हुई कैतिन बाई, लांजी एसडीओपी भार्गव ने दिखाई दरियादिली, जंजीर खोलकर कराया आजाद, लांजी क्षेत्र के ग्राम पंचायत बेलगांव का मामला

बालाघाटAug 21, 2019 / 06:50 pm

Bhaneshwar sakure

पुत्र ने मां के पैरों में जंजीर बांधकर किया कैद

पुत्र ने मां के पैरों में जंजीर बांधकर किया कैद

बालाघाट. एक पुत्र ने अपनी ही मां के पैरों में जंजीर बांध कर उसे कैद कर दिया। हालांकि, जंजीर के बांधे जाने के बाद भी यह वृद्धा गांव में भ्रमण करती थी। पैरों में जंजीर बंधे होने के कारण वह चौपाये की तरह घुमती-फिरती थी। जिसके कारण उसे काफी तकलीफ होती थी। इस तकलीफ से वृद्धा को तीन वर्ष बाद आजादी मिल गई। यह आजादी किसी और ने नहीं बल्कि लांजी एसडीओपी नितेश भार्गव ने दिलाई है। इधर, जंजीरों से आजादी मिलने के बाद अब वृद्धा खुलकर न केवल घुम फिर रही है। बल्कि सामान्य जीवन भी जी रही है। मामला जनपद पंचायत लांजी के ग्राम पंचायत बेलगांव का है। बेलगांव निवासी कैतिन बाई पति स्वर्गीय जयराम मातरे (६५) को परिजनों द्वारा पिछले तीन वर्षों से जंजीरों में कैद करके रखा था। आलम यह है कि वृद्धा के पैरों में जंजीर के निशान भी आ गए है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत बेलगांव निवासी कैतिन बाई को उसके पुत्र विनोद (३८) द्वारा पिछले तीन वर्ष से पैरों में जंजीर बांधकर रखा गया था। जिसके कारण उसे चौपाए की तरह घुमना फिरना पड़ता था। इतना ही नहीं ढलती उम्र में भी वह चौपाए की तरह अपने पैरों और दोनो हाथों को टेककर चलती थी। बताया गया है कि उसे करीब तीन वर्ष से इसी तरह से बांधकर रखा गया था। १९ अगस्त को जब लांजी एसडीओपी नितेश भार्गव भ्रमण पर थे, तब उन्होंने इस वृद्धा को चौपाए की तरह चलतेे हुए देखा। एसडीओपी ने तत्काल गाड़ी रोकी और वृद्धा के पैरों से जंजीरों को अलग किया। इस दौरान वृद्धा ने पुलिस को गालियां भी दी। लेकिन एसडीओपी ने इसे नजर अंदाज कर दिया।
मानसिक स्थिति सही नहीं
ग्राम पंचायत बेलगांव सरपंच जयपाल परते की माने तो कैतिन बाई के परिवार में एक पुत्र, पुत्र वधु है। पुत्र विनोद के पास आय का अन्य साधन नहीं है। वह मजदूरी का कार्य करता है। कैतिन बाई की मानसिक स्थिति सही नहीं है। उसे यह भी याद नहीं रहता कि वह कहां और किस दिशा में जा रही है, वह क्या कर रही है। इस कारण उसके बेटे को काफी परेशान रहना पड़ता था। इसी समस्या से निजात पाने के लिए पुत्र विनोद द्वारा उसे दिन के समय जंजीरों से बांधकर रखते है। वहीं शाम के वक्त उसे खोल दिया जाता है। यह सिलसिला काफी दिनों से चला आ रहा है।
इनका कहना है
वृद्धा का मानसिक संतुलन सही नहीं रहता, याददास्त भी कमजोर है। जिसके चलते परिजनों द्वारा दिन में उसके पैरों में जंजीर बांध देते है ताकि वह कहीं बाहर न जा सकें। शाम के वक्त फिर से उसे खोल दिया जाता है।
-जयपाल परते, सरपंच, ग्राम पंचायत बेलगांव
गांव भ्रमण के दौरान एक वृद्धा के पैरों में जंजीर बंधी हुई दिखी। जिसे अलग कराया गया। इस मामले की सूचना लांजी एसडीएम को भी दी गई है। परिजनों से जंजीर बांधने के संबंध में जानकारी ली जा रही है।
-नितेश भार्गव, एसडीओपी लांजी
इस मामले में रिपोर्ट बुलवाई जा रही है। जानकारी मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उसकी मानसिक स्थिति सही है या नहीं।
-वीरेन्द्र सिंह, एसडीएम लांजी

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