बैहर. बैहर विधानसभा क्षेत्र के सीताडोंगरी से बोदा के बीच पडऩे वाले सीताडोंगरी भुरभूरिया नाले पर पुलिया का अभाव है। भुरभूरिया नाले पर पुलिया नहीं होने से बारिश के दिनों में ग्रामीणों सहित छात्रों को गांव में ही कैद रहना पड़ता है।इसकी शिकायत ग्रामीणों ने जनपद पंचायत सीईओ के अलावा कलेक्टर से की। बावजूद इसके इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। ग्रामीणों का कहना है की उनका गांव जंगल में बसा होने से जनप्रतिनिधि से लेकर अफसरों तक का इस गांव से मोह भंग हो गया है। ग्रामीणों ने बताया की ग्राम सीताडोंगरी, बोदा, कुलूमखारी, कटराटोला, कोरजर, पौंडी, लिंगा और बघोली जाने के लिए सीताडोंगरी के भुरभूरिया नाले को पार करने जाना होता है। ठंड व गर्मी में जैसे तैसे तो आवागमन कर लेते है। यहां बारिश के दिनों में पानी होने पर ग्रामीण न तो गांव से बाहर जाते हंै और नहीं कोई यहां पहुंच पाता। यह समस्या काफी वर्षो से बनी हुई है। इस मामले की शिकायत जनपद सीईओ व कलेक्टर से भी की। लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हो पाया है। इन आधा दर्जन से अधिक गांवों के करीब 16 हजार की आबादी को बारिश में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्कूल, कॉलेज नहीं पहुंच पाते छात्र छात्रा संगीता मड़ावी, लक्ष्मी तेकाम, सुकचद तेकाम, मोनिका उइके ने सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया की सीताडोंगरी भुरभूरिया नाले पर पुलिया का अभाव होने से बारिश के चार माह स्कूल, कॉलेज जाने से वंचित रहते है। जिससे वे कोर्स से पिछड़ जाते हैं और जिसका असर उनके वार्षिक परीक्षाफल पर पड़ता है। छात्रों का कहना है कि उनके गांव से पहुंचने के लिए जंगलों से होकर डेढ़ किमी. का सफर तय करना पड़ता है। इस कारण आवागमन में काफी परेशानी होती है। वर्सन हमारे द्वारा भुरभूरिया नाले पर पुलिया बनाने के लिए जनपद बैहर, कलेक्टर को ग्रामीणों के साथ शिकायत की गई है।लेकिन इसके बाद भी नाले पर पुलिया स्वीकृत नहीं हो पा रहा है। बारिश में चार माह दिक्कतें होती है। हीरा सैय्याम, सरपंच सीताडोंगरी
सीताडोंगरी नाले पर पुलिया नहीं है। इसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा पूर्व में की होगी। यदि हमारे पास शिकायत आती है, तो वरिष्ठ स्तर पर भिजवाया जाएगा। पुष्पेन्द्र व्यास, सीईओ जनपद पंचायत बैहर