फिर…1 घंटा तड़पता रहा घायल
पटरी से उतरी तिरोड़ी की स्वास्थ्य सेवा-
बालाघाट। क्षेत्र की मॉयल नगरी तिरोड़ी के सरकारी अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से लडख़ड़ा गई है। जिससे मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार यहां चिकित्सक का पद रिक्त होने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है तथा ग्रामीण मंहगा ईलाज कराने को मजबूर है। वर्तमान में इस अस्पताल में केवल एक स्टाफ नर्स तथा वार्ड बॉय तैनात है। जिसके भरोसे पूरे अस्पताल की बागडोर है। चिकित्सक नहीं होने से 20 जनवरी को जहां एक वृद्ध का पीएम समय पर नही हो पाया और परिजन शव लेकर भटकते रहे। वहीं सोमवार को पुन: सड़क हादसे में घायल एक युवक भी दर्द से 1 घंटे तक तड़पता रहा। लेकिन उसे ईलाज नहीं मिला। इसके बाद उसे कटंगी अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया।
प्राप्त जानकारी अनुसार सोमवार को खादीटोला तिरोड़ी निवासी मानिकलाल नागवंशी सड़क हादसे में घायल हो गए। जिन्हें जननी वाहन से अस्पताल लाया गया। लेकिन यहां उनका उपचार नहीं हो पाया। परिजनों ने बताया कि स्टॉफ नर्स के हाथों में परेशानी होने की वजह से वह प्राथमिक उपचार नहीं कर पाई। इसके बाद एम्बुलेंस में तैनात चिकित्सक का 1 घंटे तक इंतजार करने के बाद भी वह समय पर अस्पताल नहीं पहुंचे। इस कारण पीडि़त पूरा समय दर्द से तड़पता रहा। हालाकिं काफी देर से एम्बुलेंस अस्पताल पहुंची और चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार किया। पीडि़त के परिजन खेमचंद नागवंशी, नंदकिशोर नागवंशी, सुरेन्द्र नागवंशी, जीरनबाई नागवंशी, झुनीबाई नागवंशी ने स्वास्थ्य प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
ग्रामीणों में आक्रोश
उल्लेखनीय है कि सरकारी अस्पताल तिरोड़ी में पदस्थ चिकित्सक डॉ कमलेश झोड़े को वारासिवनी अस्पताल में प्रभार दिया गया है। जिन्हें 22 जनवरी को पुन: तिरोड़ी अस्पताल में ज्वाईन करना था। लेकिन वारासिवनी चिकित्सक के अवकाश से वापस नहीं आने की वजह से वह अभी और 2 दिनों तक वारासिवनी के प्रभार पर बने रहेंगे। जबकि इधर, चिकित्सक नहीं होने से तिरोड़ी क्षेत्र के मरीजों का उपचार नहीं हो पा रहा है। जिससे ग्रामीणों में बेजा रोष है। ज्ञात हो कि तिरोड़ी अस्पताल में चिकित्सक नहीं होने से कई घटनाएं घटित हो चुकी है। लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य अमला सचेत नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने जल्द ही अस्पताल में चिकित्सक नियुक्ति करने की मांग की है।
इनका कहना है।
मुझे वारासिवनी का प्रभार दिया गया है। अभी और 2 दिनों तक इसी अस्पताल में सेवाएं देनी है। चिकित्सक के अवकाश से वापस लौटते ही तिरोड़ी में सेवाएं देनी शुरू की जाएगी।
डॉ कमलेश झोडे, चिकित्सक तिरोड़ी