बालाघाट. मां लज्जादेवी व दादा कोटेश्वर की ऐतिहासिक नगरी में
शिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया गया। कोटेश्वर
मंदिर में शिवरात्रि पर्व पर हजारों की संख्या में भक्तों ने देवाधिदेव महादेव की विशेष पूजा-अर्चना कर भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर अपने को धन्य माना। पर्व के चलते शिवभक्तों द्वारा मंदिर परिसर, मुख्यद्वार, गर्भगृह तथा आसपास फूलों की लडिय़ों व फलों से आकर्षक रूप से सजाया गया है। शिवरात्रि पर देर रात्रि १२ बजे से ही
शिव भक्तों की भीड़ मंदिर में लगने लगी थी जो कि सुबह होते-होते बढ़ती गई और दोनों ओर महिला-पुरूषों की लम्बी लाईनें लगी रही। भक्तों ने घंटो इंतजार कर बारी-बारी से पूजन अर्चन किया। मंदिर में भक्तों का दर्शन का यह क्रम अब लगातार सप्ताह भर तक चलता रहेगा एवं कोटेश्वर मंदिर में व मेले में भक्तों में काफी उत्साह के साथ ही चहल-पहल दिखाई देगी।
भगवान कोटेश्वर के भक्त गणों ने इस वर्ष पहली बार शिवरात्रि पर्व पर भव्य शिव बारात का आयोजन किया। शिव बारात बैंड बाजे तथा शिवजी एवं भूत पिशाचों की जिवंत झांकी के रूप बारात मॉ काली मंदिर मंडई टेकरी से निकाली गई जो कि राममंदिर, मां लंजकाई मंदिर होते हुए बस स्टैंड व गायत्री मंदिर से वापस सालेटेकरी रोड होते हुए कोटेश्वर धाम पहुंची। भारी आतिशबाजी के बीच नाचते झूमते झांकियों के साथ शिव भक्त भी अपने आपको रोक नहीं पाए एवं खूब जमकर नांचे। इस तरह सुबह ११ प्रारंभ हुई। यह शिव बारात शाम ४ बजे कोटेश्वर मंदिर में पूजन अर्चन कर सम्पन्न हुई।
प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ने निकाली शोभायात्रा लांजी। शिवरात्रि पर्व पर प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहनों द्वारा कलश शोभायात्रा व झांकी निकालकर नगर भ्रमण किया गया। बम्हकुमारी बहन कल्याणी के मार्गदर्शन में दखनीटोला रोड स्थित सेंटर से कलश यात्रा व जीवंत झांकियां निकाली गई। जो मेन रोड से मां लंजकाई मंदिर, गुजारी चौक होते हुए सालेटकरी मार्ग से वापस बस स्टैंड तथा यहां से भिलाई रोड होते हुए सुन्दरटोला से वापस दखनीटोला स्थित सेंटर में सम्पन्न हुई। इस अवसर पर प्रजापिता ब्रम्हाबाबा, शिवबाबा के उपदेशों को बताया। इस अवसर पर अलका बहन, अशोक, दाऊ, शिवनकर, सरिता बहन, नत्थु, करुणा, विमला, इन्दु बहन सहित अन्य ब्रम्हकुमारी बहनें व भाई उपस्थित थे।
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