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बालाघाट

आदिरंग उत्सव में नजर आ रही आदिवासी संस्कृति, सभ्यता

आयोग अध्यक्ष बिसेन ने किया आदिरंग उत्सव का शुभारंभ

बालाघाटOct 24, 2021 / 10:48 pm

Bhaneshwar sakure

आदिरंग उत्सव में नजर आ रही आदिवासी संस्कृति, सभ्यता

आदिरंग उत्सव में नजर आ रही आदिवासी संस्कृति, सभ्यता

बालाघाट. आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत सरकार एवं जनजाति अनुसंधान संस्थान मध्य प्रदेश भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में बालाघाट में 23 से 25 अक्टूबर तक तीन दिवसीय आदिरंग उत्सव का आयोजन किया गया। 23 अक्टूबर को मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने आदिरंग उत्सव का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, जिपं सीईओ विवेक कुमार, एडीएम शिव गोविंद मरकाम, जनजातीय अनुसंधान संस्थान के संयुक्त संचालक नीतिराज सिंह, सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग सुधांशु वर्मा, शिखर सम्मान से सम्मानित झाबुआ जिले की कलाकार लाडो बाई सहित अन्य मौजूद थे।
आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने फीता काटकर आदि बिंब प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में निवास करने वाली विभिन्न जनजातियों की सांस्कृतिक, सामाजिक, पारंपरिक, जीवन शैली और रीति रिवाज को प्रदर्शित किया गया है। आदि रंग उत्सव में आदिवासी जनजाति के व्यंजनों को भी प्रदर्शित किया गया है। तीन दिन के इस उत्सव के दौरान बड़वानी, धार, झाबुआ, बैतूल, छिंदवाड़ा, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल और बालाघाट जिले के जनजातीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक लोक नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यक्रम के प्रथम दिन डिंडोरी जिले के कलाकारों द्वारा बैगा नृत्य, अनुपपुर जिले के कलाकारों द्वारा गुदुम बाजा नृत्य, धार जिले के कलाकारों द्वारा भगोरिया नृत्य का प्रदर्शन किया गया। प्रथम दिन पंडवानी का भी प्रदर्शन किया गया।
पहले दिन अच्छा बिका चिन्नौर का चावल
बालाघाट जिले के चिन्नौर चावल को जीआई टैग मिलने के बाद उसके प्रचार प्रसार के लिए आदि रंग उत्सव में चिन्नौर चावल के प्रदर्शन और विक्रय के लिए एक स्टाल लगाया गया है। 23 अक्टूबर को इस स्टाल से एक क्विंटल चिन्नौर का चावल हाथों हाथ बिक गया है। चिन्नौर के चावल को 1 किलो के आकर्षक पैकेट में प्रदर्शन व बिक्री के लिए रखा गया है।
आदिवासी व्यंजनों की भी हो रही बिक्री
इस उत्सव में आदिवासी व्यंजनों को प्रदर्शन और विक्रय के लिए रखा गया है। डिंडोरी जिले के समूह द्वारा कोदो व कुटकी के चावल, कोदो एवं कुटकी के कुकीज, महुआ के कुकीज, जो सभी शुगर फ्री है आकर्षक पैक में विक्रय के लिए रखे गए हैं। बड़वानी जिले के आदिवासी व्यंजन में मक्के की रोटी और उसके साथ परोसी जाने वाली मिर्च वाली खट्टी सब्जी लोगों को लुभा रही है। छिंदवाड़ा जिले के पातालकोट की रसोई का स्टाल भी लगा हुआ है जिसमें गरमागरम पारंपरिक आदिवासी व्यंजनों का आनंद लिया जा सकता है।

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