वैभव ने बनाई ८ गियर की सुपर बाइक अमर जवान देश में नई बाइक का किया आविष्कार
नगर के प्रतिभाशाली युवक वैभव पिता संजीव बाजपेयी ने अपनी मेहनत व लगन से एक शानदार सुपर बाइक का निर्माण किया है।
वैभव ने बनाई ८ गियर की सुपर बाइक अमर जवान देश में नई बाइक का किया आविष्कार
बालाघाट. नगर के प्रतिभाशाली युवक वैभव पिता संजीव बाजपेयी ने अपनी मेहनत व लगन से एक शानदार सुपर बाइक का निर्माण किया है। जो ८०० सीसी व तीन सिलेण्डर से युक्त ८ गियर है। जिसमें ४ गियर आगे व ४ गियर पीछे उपयोग किए जाते है। इस बाइक का नाम वैभव द्वारा अमर जवान दिया गया है। बाइक की लाचिंग उनके द्वारा १२ अगस्त को अपने मार्गदर्शक दादा विकासचंद्र बाजपेयी के हाथों कराया गया।
२,८०००० रुपए लागत से तैयार हुई बाइक इस संबंध में वैभव ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि बचपन से ही घर में ट्रक व बाइक देख गाडिय़ों की दिवानगी प्रारंभ हो गई। घर में एक हीरो होण्डा स्पेलेण्डर बंद पड़ी थी। जिसमें अपने जेब खर्च की राशि से अलग-अलग सामान खरीद स्वयं लगाकर चालू किया गया। इसके बाद एक अलग बाइक तैयार करने का जुनून सवार हो गया। अपने प्रयासों से बुलेट जैसी गाडिय़ों को मात देते हुए नए जमाने की शाही सवारी के लिए सुपर बाइक का निर्माण किया है जिसका नाम अमर जवान रखा है। उन्होंने बताया कि इस बाइक को तैयार करने में डेढ़ वर्ष का समय लगा और इसकी लागत २,८०००० रुपए है। बाइक की लंबाई ७ फीट ४ इंच है जो ८०० सीसी की है। बाइक में जीपीएस, नेवीगेशन सिस्टम, एण्डोराइड ब्लू टूथ कनेक्टिविटी भी प्रदान की गई है। चेचिस स्वयं द्वारा हैड मेड है। फ्रंट टेलीस्कोपिक संसपेंशन की खूबी के साथ बाइक में चैन ड्राइव गियर बाक्स इंजिन कनेक्टिविटी है। इसका रियर व्हील १८ इंच का है जो ६५ किलोग्राम वजनी है।
भारतीय सेना के प्रति लगाव
उन्होंने बताया कि अमर जवान बाइक का नाम इस वजह से रखा गया है कि उन्हें अपने देश व भारतीय सेना के प्रति काफी लगाव है। भारतीय सेना के कई जवान राष्ट्र और हमारी सुरक्षा के लिए अपने आपको गुमनामी के अंधेरे में रखकर शहीद हो जाते है। उनका कभी पता भी नहीं चल पाता है। उन जवानों को नमन करते हुए और उन भारतीय जवानों को समर्पित करते हुए स्वतंत्रता दिवस से पूर्व हमने हमारे निर्माण प्रयास का नाम अमर जवान रखा है।
ये रहे शामिल
वैभव के पिता संजीव ने बताया कि बचपन से ही वैभव को गाडिय़ों के बारे में जानने का जुनून था। इस बाइक को बनाने में दो वर्ष तक अपनी पढ़ाई छोड़ दी। उसकी इस लगन व मेहनत को फलीभूत होते देख परिजनों व पड़ोसी बड़े भाई सुशील वर्मा के द्वारा उसकी सहायता की गई। बाइक लाचिंग के दौरान वैभव के पिता संजीव बाजपेयी, माता विद्या बाजपेयी, सेन्ट्रल ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक सुशील वर्मा, राजीव बाजपेयी सहित अन्य शामिल रहे।