धार्मिक आस्था का रंग, जल प्रदूषण व पर्यावरण सरंक्षण के संग
चार वर्षो से विसर्जन के लिए जलकुंड का उपयोग कर दे रहे जल प्रदूषण को रोकने का संदेश
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रजेगांव। धार्मिक आस्था का प्रमुख त्यौहार गणेशोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता रहा है। समय के साथ हुए परिवर्तन के दौर भगवान की गणेश की प्रतिमाओं में परिवर्तन का दौर शुरु हो चुका है। अब प्रतिमाओं को और भी आकर्षक बनाने के लिए साधारण रंग का उपयोग छोड़ रसायन युक्त रंगों का उपयोग अधिक होने लगा है। जिससे न सिर्फ जल प्रदूषण बढ़ रहा है। बल्कि जलीय जंतू भी विलुप्त होने लगे हंै। प्रतिमाओं को नदी, तालाबों में विसर्जन पर रोक के लिए प्रशासिनक स्तर पर कदम उठाए तो जा रहे है। बावजूद इसके लोग अब भी नदी, तालाबों में ही विसर्जित कर रहे हैं। लेकिन जल प्रदूषण को बचाने एक सरपंच विगत चार वर्षो से प्रयास कर रहा है। वह न सिर्फ प्रतिमा को घर पर बनाए जलकुंड में विसर्जित करता है। बल्कि जलकुंड का पानी और मिट्टी सूखने के बाद मिट्टी का उपयोग पौधा रोपण करने में कर रहा हैं। इतना ही नहीं यह सरपंच सार्वजनिक गणेश पंडाल व घरों में जाकर विर्सजन के लिए जलकुंडों का उपयोग करने का निवेदन भी कर रहा हैं।
हट्टा क्षेत्र के पाथरी ग्राम पंचायत सरपंच पन्नलाल नगपुरे रसायन युक्त रंगों से जल प्रदूषण को रोकने के साथ ही भगवान गणेश की प्रतिमा बनाने उपयोग की गई मिट्टी का उपयोग पर्यावरण संरक्षण में करने के लिए चार वर्षो से पहल कर रहे हंै। जिसका परिणाम भी सुखद ही आ रहे हंै। इस वर्ष गणेशत्सव के दौरान पाथरी गांव में विराजे गणपति के पंडाल के पास ही बड़ा सा जलकुंड बनाया जा रहा है। जिसमें गणेश विसर्जन के दौरान न सिर्फ सार्वजनिक समिति की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। बल्कि गांव के घरों में विराजे गणपति को भी उक्त जलकुंड में विसर्जन किया जाएगा। इस पहल को बढ़ाने के लिए कुछ लोग भी आगे आ रहे हैं।
सरपंच नगपुरे ने बताया कि जल प्रदूषण को रोकने के लिए लंबे समय से तालाबों में रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इसके लिए शासन-प्रशासन की पांबदी के बजाय स्वयं ही आगे आना होगा। उन्होंने बताया कि किसी को भी संदेश देना बड़ा आसान है। लेकिन उस पर अमल करना मुश्किल कार्य है। इसी के चलते वे स्वयं ही चार वर्षो से जलकुंड बनाकर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा का विसर्जन कर रहे हैं और इस विसर्जन में अन्य लोगों को आमत्रिंत कर जल प्रदूषण को बचाने और पर्यावरण को संरक्षित करने में अपनी भागीदारी निभाने की अपील भी कर रहे हैं।
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