जानकारी के अनुसार रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के दलाई तिवारी गांव निवासी राकेश तिवारी दहेज हत्या के आरोप में पिछले दो वर्ष से जेल में निरूद्ध था। उसके मुकदमे की बुधवार को अंतिम सुनवाई थी, जिसके लिए सात अन्य कैदियों के साथ पुलिस कर्मी उसे अदालत ले गए थे। पेशी के बाद पुलिस कर्मियों ने कैदियों की गिनती एवं मिलान किया, तो वह नदारद था। पुलिस कर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। कुछ देर कचहरी परिसर में तलाश करने के बाद पुलिस कर्मियों ने इसकी सूचना तत्काल आला अधिकारियों को दी। महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार समेत कई आला अधिकारी न्यायालय पहुंचे। अाला अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों से इस संबंध में जानकारी ली और मातहतों को आवश्यक निर्देश देते हुए पुलिस को अलर्ट कर फरार कैदी की तलाश में जुट जाने का निर्देश दिया।
तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि फरार कैदी की तलाश की जा रही है। एसपी ने विश्वास व्यक्त किया कि उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि न्यायालय में पेशी के दौरान सुरक्षा खामियों का फायदा अक्सर कैदी उठाते रहते है । न्यायालय परिसर में सुरक्षा के इंतजामात नाकाफी ही हैं। जिससे कैदी अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं। आम नागरिकों की मानें, तो कैदियों को पेशी पर ले जानेवाले सिपाही चाय-पान पर ही नरम रूख अपनाकर कैदियों को सहूलियत दे देते हैं। यह भी इस तरह की घटनाओं का कारण हो सकता है।
By : Amit Kumar