शहीद राजेश कुमार यादव के छोटे भाई ने बताया कि देश की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले मेरे भाई देश के लिए कभी अपने जान की परवाह नहीं की। शहीद राजेश यादव के बहादुरी का परिचय देते हुए बताया कि जम्मू कश्मीर में पोस्टिंग के दौरान भी उन्हें एक बार गोली लगी थी और वह पहाड़ से नीचे गिर गए थे। लेकिन उसके बाद भी शहीद के दिल में सिर्फ और सिर्फ भारत माता की रक्षा करने का ही जज्बा था।
जम्मू कश्मीर के उरी हमले में 18 सितम्बर 2016 को वीर सपूत लांसनायक राजेश कुमार यादव शहीद हुये थे। अपने बहादुर बेटे को खो चुकी शहीद के मां की बूढ़ी आखों को आज भी अपने बेटे के आने का इंतज़ार है । शहीद राजेश की मां बताती है कि उरी हमले के कुछ दिन पहले ही उनकी बात हुई थी तब शहीद राजेश ने सिर्फ इतना बताया था की वो ऊंचे पहाड़ों पर जा रहे हैं और जल्द ही लौटेंगे । शायद इन्हीं बातों को याद करके आज भी शहीद के दरवाजों की हल्की आहट भर से अपने लाडले को देखने दौड़ पड़ती है।
शहीद राजेश की पत्नी अपने वीर पति की यादों को दिल में संजोए तीन बेटियों के साथ उन पलों को याद करती हैं । जब राजेश कहते थे कि आर्मी मेरे लिए है और मैं आर्मी के लिए। पत्नी का कहना है कि मैं आज भी अपने पति के इस बात पर गर्व महसूस करती हूं। शहीद की पत्नी का कहना है कि उनके पति को देश से अथाह प्रेम था लिहाज़ा देश के बाद ही उनके लिए परिवार था। पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर कहा कि उसका इलाज युद्ध है ।