निर्भया की बरसी पर लड़कियों और महिलाओं को इस तरह की नसीहत देने और अपनी सोच जाहिर करने वाले ये भाजपा विधायक कोई और नहीं बलिया के बैरिया से विधाक सुरेन्द्र सिंह हैं, जो आए दिन कुछ न कुछ विवादित बयान देते ही रहते हैं। निर्भया कांड की बरसी पर जहां बलिया में स्थित उसके पैतृक गांव से लेकर पूरा देश याद कर श्रद्धांजलि दे रहा था वहीं मीडियाकर्मियों ने इस पर विधायक सुरेन्द्र सिंह से भी उनके विचार जानने चाहे।
सुरेन्द्र सिंह ने मीडिया के कैमरों के सामने ही विवादित बयानों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि महिलाओ का अनावश्यक रूप से अपने शरीर का प्रदर्शन करना गलत है। लड़कियों की गलतियां भी गनायीं। कहा कि अगर लड़के गलतियां कर रहे हैं तो हमारी बहु-बेटियां भी मर्यादा भंग करने में पीछे नहीं। मर्यादा का पाठ पढ़ाने के चक्कर में उन्होंने महिलाओं के लिये ***** जैसा शब्द भी इस्तेमाल किया और कहा कि नारी निर्वस्त्रीकरण अच्छी बात नहीं।
उन्होंने अभिभावकों को भी कटघरे में खड़ा किया। बोले कि आजकल अभिभावक लड़कियों को आजादी से घूमने की इजाजत दे रहे हैं, ये बिल्कुल गलत है। उन्होंने नारी मर्यादा की परिभाषा बताते हुए कहा कि नारी देश और कुल की प्रतिष्ठा है, लिहाजा उसे मर्यादा के अंदर ही रहना चाहिये, अनावश्यक रूप से उसे अपने शरीर का प्रदर्शन नहीं करना चाहिये।
उधर निर्भया के चचेरे दादा लाल जी सिंह ने राजनितिक दलों के वादों की याद दिलायी। कहा कि कोई वादे पूरे नहीं हुए महज एक अस्पताल में काम लगा पर वो भी अधूरे ही रह गए। चार लड़कों को नौकरी का वादा, सड़क, स्कूल वगैरह सारे वादे भुला दिये गए।
निर्भया की दादी ठीक से बोल नहीं पाती और बिस्तर पर ही हैं, पर निर्भया के दोषियों को फांसी देने के सवाल पर कहती हैं कि इसमें भी कोई पूछने की बात है, जल्दी से जल्दी दी जानी चाहिये।
चचेरी बहन कहती हैं कि जब वह थी तो हमें समझाती थी कि कैसे रहना है। वह रोती हुई कहती है कि आज चार साल होने के बाद भी आरोपियों को वो सजा नहीं मिल पायी जिसके वो हकदार है। ये मामला जाने और कितना खिंचेगा, हमें तो अब विश्वास ही नहीं रहा।
by Amit Kumar