मीडिया से बातचीत के दौरान ओम प्रकाश राजभर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आजमगढ़, वाराणसी और मिर्जापुर के कार्यक्रम को सरकारी बता डाला। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रम के लिये सरकार जाने, मेरा सरकारी कार्यक्रम में क्या काम। वहां भासपा का कोई नेता क्यों मिलेगा, बीजेपी नेता जरूर मिले होंगे। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि सरकारी कार्यक्रम में बुलाया जाता तो वो जरूर जाते। पर उन्हें बुलाया गया या आमंत्रण दिया गया, इस सवाल के जवाब में उन्होंने इनकार में सिर हिलाते हुए कहा कि इसकी कोई जानकारी नहीं। आप पार्टी के अध्यक्ष हैं और आपको जानकारी नहीं, इस सवाल के जवाब में कहा कि अगर जानकारी होती तो कार्यक्रम में जरूर गया होता।
ओम प्रकाश राजभर ने इस दौरान साफ शब्दों में कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम में पहले से न कभी जाते रहे हैं और न जाएंगे। भाजपा के कार्यक्रम में वो क्यों जाएं। यदि गठबंधन का या भाजपा-भासपा का कोई संयुक्त कार्यक्रम होगा तो उसमें वो जरूर नजर आएंगे। भासपा के नेता व लोग नजर आएंगे। जब उनसे पूछा गया कि तो क्या 2019 का चुनावी बिगुल फुंकेगा तभी भासपा प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में जाएगी। और अगर पूर्वांचल में दोबारा प्रधानमंत्री का कोई कार्यक्रम होता है तो उसमें ओम प्रकाश राजभर हीं जाएंगे। उन्होंने अपने अंदाज में जवाब दिया। कहा कि, बीजेपी और भासपा गठबंधन का कार्यक्रम हुआ तो जरूर जाउंगा। बीजेपी के कार्यक्रम में नहीं जाउंगा। सरकारी कार्यक्रम का लेकर कहा कि सरकारी कार्यक्रम में वो क्यों जाएंगे, सरकार का कार्यक्रम है वो करे।
ऐसा कहा जा रहा है कि ओम प्रकाश राजभर पिछड़ों के नेता बनने को लेकर महत्वकांक्षी हैं। बीजेपी और सरकार से उनकी गाहे ब गाहे नाराजगी भी सामने आती रही है। इस बार प्रधानमंत्री का पूर्वांचल में तीन-तीन जिलों में दौरा होने के बावजूद उनका कार्यक्रम में न जाना या फिर शायद न बुलाया जाना साफ संकेत है कि भाजपा की 2019 की रणनीति में भासपा की हिस्सेदारी को लेकर वह चिंतित हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और ओम प्रकाश राजभर के रिश्ते सामान्य रहते हैं या सियासत एक बार फिर करवट लेती है।
By Amit Kumar