बता दें कि पांच दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे आईपीस सुरेंद्र कुमार दास ने बुधवार सुबह कानपुर के कैंट स्थित अपने सरकारी आवास पर जहर खा लिया था। हालत बिगड़ने के बाद परिजन और मातहत पुलिसकर्मी उन्हें उर्सला ले गए। जहां से डॉक्टरों ने उन्हें सर्वोदय नगर स्थित रीजेंसी अस्पताल रेफर कर दिया था। जहां लगातार उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी।
आईपीएस सुरेंद्र दास के साथी उनको बचाने के लगातार जद्दोजहद कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक यूपी, दिल्ली में एक्मो मशीन नहीं मिली तो साथियों ने मशक्कत कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मदद से मुंबई से मशीन और डॉक्टरों की टीम चार्टर प्लेन से बुलाई। कानपुर में रीजेंसी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि विदेश के भी किसी हॉस्पिटल में सुरेंद्र को इलाज के लिए भर्ती कराते तो वहां भी इसी तरह से इलाज किया जाता। इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता था।
सुरेंद्र कुमार दास 2014 बैच के आईपीएस थे मूलरूप से बलिया के भरौली निवासी सुरेंद्र कुमार दास 2014 बैच के आईपीएस अफसर थे। 3 अगस्त को सुरेंद्र कुमार कानपुर के पूर्वी एसपी बने थे। वह कैंट स्थित सरकारी आवास में पत्नी डॉ. रवीना सिंह के साथ ही रहते थे। आईपीएस सुरेंद्र कुमार दास के गांव जब जहर खाने वाली खबर पहुंची तो गांव के साथ ही आसपास के गांवों के लोग स्तब्ध हो गए थे। वही अब उनकी मौत की खबर के बाद ग्रामीणों में जहां शोक की लहर है वहीं उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
नौ अप्रैल 2017 को डॉ. रवीना के साथ हुई थी शादी
आईपीएस सुरेंद्र की शादी सर्वोदय नगर स्थित ईएसआई निदेशालय में मेडिकल ऑफिसर डॉ. राघवेंद्र सिंह की बेटी डॉ. रवीना से नौ अप्रैल 2017 में हुई थी। डॉ. रवीना का परिवार यहां निदेशालय कैंपस में ही रहता है। उनकी पत्नी डॉ. रवीना ने मेडिकल कालेज कानपुर से एनाटॉमी विभाग से एमएस किया है। जून 2018 में एमएस पूरा करने के बाद डॉ. रवीना जुलाई में अंबेडकरनगर मेडिकल कालेज में डिमास्टेटर बनीं। एक महीने बाद अगस्त में उन्होंने संविदा की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। तब सुरेंद्र कुमार अंबेडकर नगर में बतौर सीओ तैनात थे।
पारिवारिक कलह में उठाया कदम
अब तक की जांच के आधार पर बताया जा रहा है कि आईपीएस सुरेंद्र कुमार दास ने पारिवारिक कलह के करण यह कदम उठाया। शादी के बाद से ही पत्नी और उनके बीच तमाम बातों को लेकर मतभेद रहता था। उनके परिवारीजनों ने भी उनके इस कदम के पीछे परिवारिक कलह को ही बाताय है। उनके परिजनों का कहना है कि शादी के बाद उनकी पत्नी उन्हें परिवार से दूर और ललग रखना चाहती थी। जिसे लेकर आए दिन दोनों में विवाद होता।
जहर खाने से पहले लिखा था सात लाइन का लेटर
सुरेंद्र कुमार दास ने पत्नी या परिवार के किसी भी सदस्य को सीधे तौर पर अपने इस कदम को लेकर जिम्मेदार नहीं ठहराया है। उन्होंने इसे खुद का फैसला बताया। उन्होंने सात लाइन के पत्र को अंग्रेजी और हिंदी में लिखा है। अंग्रेजी में उन्होंने लिखा है कि एक हफ्ते से वह आत्महत्या का आसान तरीका गूगल पर सर्च कर रहे थे। कई तरीकों के बारे में गूगल पर पढ़ा और वीडियो देखा। इसके बाद ब्लेड से शरीर की नस काटकर और जहर खाकर आत्महत्या के तरीके को चुना। नस काटकर जान देने का तरीका काफी दर्द भरा था। इसलिए जहर खाकर जान देने का फैसला किया। लेटर के आखिरी में उन्होंने रवीना आईलवयू भी लाखा था। पुलिस अब पत्र की फॉरेंसिक जांच कराने की बात कह रही है।