scriptअंग्रेजों के जमाने के 108 साल पुराने पुल के अब अच्छे दिन आएंगे | 108 years old bridge of British era, now will be good days | Patrika News

अंग्रेजों के जमाने के 108 साल पुराने पुल के अब अच्छे दिन आएंगे

locationबालोदPublished: Oct 14, 2019 11:41:15 pm

बालोद जिले के ग्राम जामगांव (बी) के पास अंग्रेजों के शासन काल में बनाए गए 108 साल पुराने पुल के भी जल्द ही अच्छे दिन आएंगे। सिंचाई विभाग ने जर्जर पुल की मरम्मत के लिए एस्टीमेंट बनाकर भेजा था उसे राज्य शासन ने स्वीकृत कर लिया है।

अंग्रेजों के जमाने के 108 साल पुराने पुल के अब अच्छे दिन आएंगे

अंग्रेजों के जमाने के 108 साल पुराने पुल के अब अच्छे दिन आएंगे

बालोद @ patrika . जिले के ग्राम जामगांव (बी) के पास अंग्रेजों के शासन काल में बनाए गए 108 साल पुराने पुल के भी जल्द ही अच्छे दिन आएंगे। सिंचाई विभाग ने जर्जर पुल की मरम्मत के लिए एस्टीमेंट बनाकर भेजा था उसे राज्य शासन ने स्वीकृत कर लिया है। पुल की मरम्मत के लिए शासन ने दो करोड़ 85 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। अब विभाग जल्द ही कमजोर हो रहे पुल की मरम्मत शुरू करेगा।
खबर प्रकाशन के बाद विभाग आया हरकत में
बता दें कि दैनिक समाचार पत्र पत्रिका ने तांदुला पुल के जर्जर होने की खबर प्रमुखता से प्रकाशन कर शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। खबर प्रकाशन के बाद विभाग हरकत में आया और मरम्मत के लिए एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा था। जिसे मंजूरी मिल गई है।
एक माह में टेंडर की प्रक्रिया, फिर शुरू होगा काम
सिंचाई विभाग बालोद के ईई सतीश कुमार टीकम ने बताया कि शासन ने इस पुल की मरम्मत के लिए दो करोड़ 8 5 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। मरम्मत काम के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। एक माह के भीतर ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा।
मूल ढांचे और कलाकृति से नहीं होगी छेड़छाड़
विभाग की माने तो प्रशासकीय स्वीकृति के बाद तकनीकी स्वीकृति भी हो गई है।इस खूबसूरत व अंग्रेजों द्वारा बनाई गई कलाकृति से कोई भी छेडख़ानी मरम्मत के दौरान नहीं की जाएगी। अंग्रेजों के द्वारा की गई ऐसे कलाकृति प्रदेश में शायद ही कहीं और देखने को नहीं मिलता है। दूर दूर से लोग सिर्फ इस कलाकृति एक नदी पर दो नाले में पानी बहने वाले पुल को देखने आते हैं।
तांदुला के पानी से एक लाख हेक्टेयर फसल की होती है सिंचाई
तांदुला जलाशय के इस नहर से बालोद, दुर्ग व बेमेतरा जिले के किसानों व तालाबों को पानी मिलता है। इसीलिए तांदुला जलाशय को तीन जिलों की जीवनदायिनी व भिलाई की लाइफ लाइन कहा जाता है। इसी नहर से होकर पानी भिलाई इस्पात संयंत्र को जाता है जहां बीएसपी धमन भ_ी के गर्म लोहे को ठंडा किया जाता है। तांदुला नहर से एक लाख हेक्टेयर की फसलों की सिंचाई होती है। गर्मी के दिनों में 12 सौ से अधिक तालाबों को भी पानी मिलता है।
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