घटना तीन दिन पहले रविवार रात की है। दो साल का दौलत अपनी मां के साथ सोया था, तभी जहरीला सर्प बच्चे के पास चला गया। बच्चा उसे देखकर रोने लगा। फिर सर्प ने उसके मुंह को डंस लिया। बच्चे के ज्यादा रोने और मुंह के पास से खून निकलते देख तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया। समय पर इलाज होने पर जान बच गई। देर हो जाती तो कुछ भी हो सकता था।
इस साल बालोद जिले में जहरीले सर्प के डसने के 15 से अधिक और बिच्छु काटने के 20 से अधिक मामले सामने आए हैं। हालांकि जिन मामले में देर से अस्पताल आए, उन्हीं मामले में मौत हुई है। समय पर अस्पताल आने से जिनका इलाज हुआ, वे स्वस्थ हैं।
बालोद जिला अस्पताल के चिकित्सक और सिविल सर्जन डॉ. एसएस देवदास ने बताया कि बच्चे के माता-पिता जागरूक हैं, जिन्होंने घटना के बाद इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे। इस तरह की घटनाएं घटती हैं तो तत्काल इलाज के लिए अस्पताल लाएं। झाड़-फूंक के चक्कर में समय न गंवाएं। इलाज की पूरी सुविधाएं हंै। अगर देर करेंगे तो मरीज की मौत हो सकती है।