महिला बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पूरे प्रदेश भर में हमारे जिले में कुपोषण की स्थिति ठीक है। यहां कुपोषण की दर मात्र 21 फीसदी ही है। अति कुपोषित बच्चे 1609 है। इन अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने बच्चों को सोया ग्रान्यूल्स का पैकेट रोजाना दिया जा रहा है। यह योजना हाल ही में शुरू की गई है, पर विभाग को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस योजना का लाभ बच्चों को मिलेगा जिससे वे कुपोषण से दूर होंगे। बताया जा रहा है कि बच्चे भी सोया ग्रान्यूल्स को बहुत पसन्द कर रहे हैं। विभाग का कहना है जब तक अति कुपोषित बच्चे सुपोषित नहीं हो जाते तब तक इसे देते रहेंगे।
महिला बाल विकास की मानें तो सोया ग्रान्यूल्स के पांच ग्राम के पैकेट में प्रोटीन, एनर्जी, विटामिन, आयरन सहित बहुत से पोषक तत्वों से चूर्ण बनाया गया है, जिसे कुपोषित बच्चों को सेवन कराने से बच्चों को सुपोषित करने में बड़ा मददगार साबित होगा। इसे हर दिन एक पैकेट खिलाया जा रहा है। यही नहीं अतिकुपोषित बच्चों को सुपोषण रक्षा सूत्र भी बांधे जा रहे हैं जिससे इन बच्चों की कमजोरी दूर की जा सके। माना जा रहा है कि इससे लगातार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग ला रही है। आने वाले दिनों में बालोद जिले को कुपोषण मुक्त जिला बनाने का का संकल्प भी महिला बाल विकास व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने लिया है।
महिला बाल विकास विभाग जिले के ऐसे 800 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका बना रहे हैं जहां पर खाली जगह हो और वहीं ही सब्जी, केला, मूनगा, भाजी सहित अनेक तरह की सब्जियां आदि का रोपण किया जा रहा है। लगभग सभी केन्द्रों में पोषण वाटिका तैयार हो गई है। आने वाले दिनों में इन्ही वाटिका की सब्जी को तोड़कर बच्चों के लिए बनाएंगे।
इस मामले में जिला एवं महिला बाल विकास अधिकारी सीएस मिश्रा ने कहा यह एक बहुत ही अच्छी पहल है। जिले को कुपोषण मुक्त जिला बनाना है इस कारण जिले के 1609 अतिकुपोषित बच्चों को सुपोषित करने प्रतिदिन सोया ग्रान्यूल्स दिया जा रहा है। बच्चों को ताजी सब्जी मिले इसलिए लगभग 800 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका भी तैयार की जा रही है।