छात्रावास में रहने वाले बच्चों को सप्ताह में चिकन बिरयानी, अंडे, मछली और दूध-खीर व पूड़ी आदि दिया जा रहा है। इसी के साथ छात्रावास में सलाद सजाओं और रंगोली प्रतियोगिता भी होने लगी है। इससे बच्चों का मन भी छात्रावास में लगने लगा है।
इधर आदिवासी विकास शाखा के सहायक आयुक्त ने जिले के सभी 86 छात्रावासों के अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश जारी किए है। छात्रावास में पढ़ाई करने वाले बच्चों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, अगर बच्चों के पसंद के भोजन देने में लापरवाही बरत रहे है तो सीधी कार्रवाई होगी।
जानकारी के मुताबिक जिले में कुल 86 छात्रावास है। जिसमें 6 6 बालक व 20 बालिका छात्रावास हैं। इन छात्रावासों में कुल 4 हजार 200 बच्चे पढ़ाई कर रहे है। छात्रावास में जब से इतवारी त्यौहार मनाया जा रहा है तब से बच्चों की रुचि बढ़ रही है। मनोरंजन के साथ-साथ जिन बच्चों को चिकन बिरयानी, अंडे, मछली मिल रहे है। शाकाहार बच्चों के लिए दूध, खीर, पूड़ी और पनीर आदि दिए जाते हैं। इतवारी तिहार मनाने से पहले जिले के छात्रावासों में बच्चों की संख्या घट रही थी पर जबसे उनके मनपसंद भोजन मिलने के बाद बच्चे खुश है।
बच्चों की शिकायत पर भी तत्काल कार्रवाई
जिले के 20 कन्या छात्रावास हाइटेक है। यहां छात्राओं की सुरक्षा के लिए महिला गॅार्ड और सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। कड़ी सुरक्षा और कड़े अनुशासन के बीच छात्राएं रहती हैं। इसके बाद छात्रावास में अधीक्षिका के द्वारा बच्चों के साथ गलत व्यवहार की भी शिकायत मिलती है। बीते दिनों गुरुर छात्रावास में छात्राओं ने अधीक्षिका पर गलत व्यवहार की शिकायत की थी। जिस पर विभाग ने तत्काल कार्यवाही करते हुए मामले को सुलझाया था।
लापरवाही पर सीधी कार्रवाई
आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त माया वारियर ने बताया कि जिले के सभी छात्रावासों में सभी सुविधाएं हैं। बच्चों को कहीं कोई दिक्कत नहीं है। बच्चों को उनके पसंद के भोजन के अलावा घर जैसा माहौल दिया जा रहा है। साथ ही सभी छात्रावासों के जिम्मेदारों को निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को कोई परेशानी न हो। लापरवाही हुई तो सीधी कार्रवाई की जाएगी।