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बालोद

कलेक्टर को देख कोरोना मरीजों ने मचाया जमकर शोर, बोले- साहब, हमें समय पर नहीं मिलता भोजन, बुजुर्ग हो रहे और बीमार

बालोद जिले के ग्राम पाकुरभाट स्थित आइसोलेशन में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कलेक्टर जनमेजय महोबे अपने आला अधिकारियों के साथ आइसोलेशन केंद्र पहुंचे। (coronavirus in chhattisgarh)

बालोदSep 26, 2020 / 10:28 am

Dakshi Sahu

कलेक्टर को देख कोरोना मरीजों ने मचाया जमकर शोर, बोले- साहब, हमें समय पर नहीं मिलता भोजन, बुजुर्ग हो रहे और बीमार

कलेक्टर को देख कोरोना मरीजों ने मचाया जमकर शोर, बोले- साहब, हमें समय पर नहीं मिलता भोजन, बुजुर्ग हो रहे और बीमार

बालोद. जिले के ग्राम पाकुरभाट स्थित आइसोलेशन में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कलेक्टर जनमेजय महोबे अपने आला अधिकारियों के साथ आइसोलेशन केंद्र पहुंचे। जहां कलेक्टर को देखते ही कोरोना मरीजों ने जोर-जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में यहां हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई। मरीजों ने केंद्र के अंदर से ही कलेक्टर के सामने शिकायतों और अव्यवस्था की झड़ी लगा दी।
कलेक्टर ने जब मरीजों से व्यवस्था के बारे में पूछा तो मरीज एक-एक कर अपनी परेशानी बताने लगे। कहा कि समय पर खाना नहीं मिलता। छोटे बच्चे व वृद्ध भूख से तड़पते हैं। डॉक्टर देखने नहीं आते। स्टाफ नर्स भी ठीक से बर्ताव नहीं करती। साफ -सफाई व्यवस्था की भी शिकायत की। शिकायत सुनने के बाद कलेक्टर ने सभी व्यवस्थाओं को सुधारने की बात मरीजों से कही। यही नहीं जिस समय कलेक्टर आइसोलेशन केंद्र पहुंचे थे, उसी समय भोजन भी आ गया था। जिसके बाद भोजन को चखा और कहा गुणवत्ता ठीक है। गुरुवार को कलेक्टर ने जिले के सभी आइसालेशन सेंटर का दौरा किया था।
कलेक्टर को देख कोरोना मरीजों ने मचाया जमकर शोर, बोले- साहब, हमें समय पर नहीं मिलता भोजन, बुजुर्ग हो रहे और बीमार
युवक ने किया था हंगामा
कलेक्टर के आने के दो पहले पाकुरभाट आइसोलेशन केंद्र में एक युवक, जो पहले नेगेटिव था, उसे पॉजिटिव बताकर केंद्र में भर्ती कर दिया गया था। संक्रमितों के साथ रहने के कारण वह भी पॉजिटिव आ गया। युवक ने उस दिन जन्मदिन मनाया। केक काटा। फिर हंगामा कर दिया और आइसोलेशन केंद्र से भागने का प्रयास किया। स्वास्थ्य कर्मी ने उसे दौड़कर पकड़ लिया। वह घर जाने की इच्छा जता रहा था तो उसे होम आइसोलेशन में रखा। ठीक उसी जगह कलेक्टर ने मरीजों की समस्याएं सुनी।
एसडीएम ने लोगों को समझाया
कोरोना मरीजों ने बताया कि किसी परिवार का कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव आ जाता है तो संक्रमित व्यक्तिको इलाज के लिए अस्पताल लाते हैं। बाकी सदस्य को होम आइसोलेट कर दिया जाता है वो भी 14 दिनों तक। इससे कई परेशानी होती है। जिस पर एसडीएम सिल्ली थामस ने कहा कि होम आइसोलेशन 14 दिनों के बजाए 7 दिनों का रहेगा। मरीजों ने कहा कई बार देखने को मिलता है कि संक्रमितों को लोग हीनभाव से भी देखते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इस पर गांव में जनप्रतिनिधियों को भी इस विषम परिस्थिति में संक्रमित व्यक्तियों का सहयोग व पूछ परख करना चाहिए।
स्टाफ ने भोजन की गुणवत्ता पर उठाए सवाल
कोविड स्टाफ के विभिन्न सदस्यों व स्टाफ के ग्रुप में खाने की गुणवत्ता को लेकर लगातार बहस चलती है, जिसमें कहा गया है कि खाने का समय व खाना ठीक नहीं रहता। इस व्यवस्था को सुधारने की मांग भी जिम्मेदार अधिकारियों से कर चुके हैं।
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