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बारिश ने किसानों की तोड़ दी कमर, बदली के कारण दवा भी बेअसर

locationबालोदPublished: Oct 20, 2019 10:49:28 pm

शनिवार की रात से लेकर रविवार सुबह और शाम को हुई दो घंटे तेज बारिश से धान की फसल को नुकसान हुआ है। फसल खेतों में गिर गई है। कई जगह खेतों में पानी भरने से फसल डूब भी गई है।

बारिश ने किसानों की तोड़ दी कमर, बदली के कारण दवा भी बेअसर

बारिश ने किसानों की तोड़ दी कमर, बदली के कारण दवा भी बेअसर

बालोद @ patrika. शनिवार की रात से लेकर रविवार सुबह और शाम को हुई दो घंटे तेज बारिश से धान की फसल को नुकसान हुआ है। फसल खेतों में गिर गई है। कई जगह खेतों में पानी भरने से फसल डूब भी गई है।
तेज बारिश से धान फसल को नुकसान
19 अक्टूबर की रात तेज हवा चलने के साथ जिले के बालोद, गुरुर, गुंडरदेही, डौंडी व डौंडीलोहारा तहसील में तेज बारिश हुई। रविवार को एक घंटे तक हुई तेज बारिश से धान फसल को नुकसान कर दिया है। किसान दो-चार दिनों के बाद धान काटने की स्थिति में थे। कुछ अर्ली वेरायटी की फसल पककर तैयार हो चुकी है। किसानों के अनुसार अब बारिश की जरूरत ही नहीं है।
सब्जी फसल को भी नुकसान
तेज हवा व बारिश से सब्जी फसल को भी नुकसान हुआ है। धनिया, मिर्च, टमाटर, बैंगन फसल ज्यादा प्रभावित हुई है। पहले कम बारिश फिर माहो व अब फिर बारिश ने फसलों को बरबाद कर दिया है। किसानों का कहना है कि पहले बोआई के समय अल्पवर्षा ने किसानों को परेशान किया, फिर जैसे तैसे फसल संभली तो भूरा माहो ने फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अब बारिश ने तो किसानों की कमर तोड़ दी है। तेज हवा के साथ हो रही बारिश से खड़ी फसल खेतों में गिर रही है। बारिश से बची खुची फसलों पर फिर तेजी से बीमारी लगेगी।
कीटनाशक दवाई बेअसर
किसानों का कहना है कि फसलों में कटवा व भूरा माहो बीमारी लग गईहै। ऐसे में इस गंभीर बीमारी से फसलों को बचाने दवाई का छिड़काव किया जा रहा है। बदली और बारिशके कारण कोड़ों पर दवा का असर नहीं हो रहा है। किसानों को समझ में नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें। सभी तरफ से परेशानी ही है।
खड़ी धान की फसल को ज्यादा नुकसान
बारिश के बाद किसानों ने खेतों में जाकर जायजा लिया तो कहीं-कहीं बहुत ज्यादा नुकसान नजर आया। धान फसल खेतों में भरे पानी में गिरने से अंकुरण हो जाएगा। धान की बाली टूटने का भी खतरा है। ग्राम लाटाबोड़, पोंडी, बेलमांड के सड़क किनारे लगे धान की खड़ी फसल गिर चुकी है। किसान गैंदलाल ने कहा बारिश के साथ तेज हवा चलने से खेत में खड़ी फसल को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है।
बारिश ने किसानों की तोड़ दी कमर, बदली के कारण दवा भी बेअसर
IMAGE CREDIT: balod patrika
अक्टूबर में बारिश फसलों के लिए घातक
किसान सोम, संतोष, रोहित, चंदू ने कहा इस मीहने में बारिश से खेतों में पानी भर गया है। सितंबर के अंतिम सप्ताह तक बारिश की आवश्यकता होती है। अक्टूबर में गिरने वाला पानी फसल के लिए घातक होता है।
शनिवार की रात कहां कितनी हुई बारिश
बालोद में 16 मिलीमीटर, गुरुर में 7 मिलीमीटर, गुंडरदेही में 14 मिलीमीटर, डौंडीलोहारा में 13.6 मिलीमीटर और डौंडी में सबसे ज्यादा 31.5 मिलीमीटर बारिश हुई है।

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