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बालोद

नाम खराब करने के कारण सीएमओ, नपं अध्यक्ष व पार्षदों के खिलाफ होगा मानहानि का केस

डौंडीलोहारा नगर पंचायत कथित कमीशनबाजी एवं तनिष्का कंस्ट्रक्शन धमतरी को परिषद की ओर से ब्लैकलिस्ट करने को लेकर लगातार सुर्खियों में है।

बालोदMar 01, 2021 / 10:40 pm

Chandra Kishor Deshmukh

नाम खराब करने के कारण सीएमओ, नपं अध्यक्ष व पार्षदों के खिलाफ होगा मानहानि का केस

नाम खराब करने के कारण सीएमओ, नपं अध्यक्ष व पार्षदों के खिलाफ होगा मानहानि का केस

बालोद/डौंडीलोहारा. नगर पंचायत कथित कमीशनबाजी एवं तनिष्का कंस्ट्रक्शन धमतरी को परिषद की ओर से ब्लैकलिस्ट करने को लेकर लगातार सुर्खियों में है। नगर पंचायत अध्यक्ष लोकेश्वरी साहू व तनिष्का कंस्ट्रक्शन धमतरी के रिश्तेदार व पूर्व अध्यक्ष प्रेम भंसाली के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप व विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं।

कोरोना संकट के चलते दो से तीन माह तक सभी कार्य बंद पड़े थे
शनिवार को तनिष्का कंस्ट्रक्शन की ओर से पूर्व अध्यक्ष प्रेम भंसाली ने बताया कि ठेकेदार अंकित जैन ने सोमवार को सीएमओ को पत्र लिखकर कहा कि वार्ड-11 में मुक्तिधाम प्रवेश निर्माण कार्य, वार्ड-14 में स्टेडियम में मंच निर्माण कार्य में 23 जनवरी 2020 को कार्यादेश होने के बाद कोरोना संकट के चलते शासन के आदेशानुसार दो से तीन माह तक सभी कार्य बंद पड़े थे। कार्य पूरा करने की समय सीमा पूर्ण नहीं होने पर भी सीएमओ ने गलत तरीके से उनकी फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की कार्यवाही की है।

अध्यक्ष का था दबाव, पार्षदों को दी गलत जानकारी
पत्र में तनिष्का के ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यक्ष के दबाव में आकर सीएमओ ने जानबूझकर दुर्भावनावश 21 दिसम्बर 2020 को प्रथम नोटिस, 8 जनवरी 2021 को द्वितीय नोटिस व 23 जनवरी 2021 को तृतीय नोटिस दिया। जबकि प्रथम नोटिस के समय से ही मेरा निर्माण कार्य प्रारंभ था। सभी नोटिस का जवाब उनकी ओर से दिया गया। निर्माण कार्य जारी होने का फोटो भी दिखाया गया। नगर पंचायत में कमीशनखोरी के चलते पार्षदों को गलत जानकारी देकर 9 फरवरी को मेरी फर्म तनिष्का कंस्ट्रक्शन को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया, जो विधि विरुद्ध है।

ब्लैक लिस्ट से करें बहाल
सीएमओ को लिखे पत्र में ठेकेदार ने सीएमओ को चेतावनी देते हुए कहा कि पत्र प्राप्ति के तत्काल बाद मेरी फर्म को ब्लैकलिस्ट की कार्यवाही से बहाल किया जाए। अन्यथा मेरे फर्म का नाम खराब करने के कारण नगर पंचायत सीएमओ, अध्यक्ष और पार्षदों के ऊपर प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए मानहानि का केस किया जाएगा।

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