बालोद

खेत के चारों ओर किसान क्यों बना रहा साड़ियों से घेरा, आप कारण जानेंगे तो चौंक जाएंगे

बालोद जिले के ग्रामीण अंचलों के किसान आवारा मवेशियों से परेशान है। मवेशी एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में झुंड के झुंड आते हैं फसलों को रौंदकर चल जाते हैं। यह समस्या एक-दो गांव की नहीं बल्कि अधिकतर गांवों की है।

बालोदSep 11, 2019 / 10:27 pm

Chandra Kishor Deshmukh

खेत के चारों ओर किसान क्यों बना रहा साड़ियों से घेरा, आप कारण जानेंगे तो चौंक जाएंगे

बालोद @ patrika . जिले के ग्रामीण अंचलों के किसान आवारा मवेशियों से परेशान है। मवेशी एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में झुंड के झुंड आते हैं फसलों को रौंदकर चल जाते हैं। यह समस्या एक-दो गांव की नहीं बल्कि अधिकतर गांवों की है।
गांवों में घूम रहे आवारा मवेशी
ग्रामीण बताते हैं कि झुंड में आने वाले मवेशी आवारा और जंगल की तरफ से आते हैं। इन दिनों बालोद, पाररास, झलमला, सिवनी आदि गांवों में बड़ी संख्या में आवारा मवेशी घूम रहे हैं। ग्राम दुधली व मालीघोरी के ग्रामीणों ने इसकी शिकायत महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री अनिला भेडिय़ा से भी की है।
फसल बचाने साड़ी से घेरा कर रहे किसान
जंगलों में छोड़े आवारा मवेशी अब शहर की सड़कों और खेतों में पहुंच रहे हैं। जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों में जाकर खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा रहे है। किसान आवारा मवेशी से फसलों को बचाने खेतों को साड़ी का घेरा बनाकर सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।
सड़क पर भी मवेशियों का जमावड़ा
बीते दिनों आवारा मवेशी से परेशान होकर दुधली, तरौद, मालीघोरी, खपरी के ग्रामीणों ने जंगल में मवेशी छोड़ दिए थे। वहीं मवेशी जंगलों से वापस आ गए हैं। मवेशी झुंड में सड़कों पर बैठे नजर आते हैं। इससे सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ रही है।
प्रशासन स्तर पर समस्या सुलझाने का प्रयास
जानकारी के मुताबिक बीते सप्ताह पुलिस प्रशासन और नगर पालिका ने सर्किट हाउस में इस गंभीर मुद्दों को लेकर चर्चा की थी। चर्चा के बाद इस समस्या से निपटने योजना तैयार करने की जानकारी एसडीएम ने दी थी। अभी तक इस मामले पर प्रशासन स्तर पर कोई पहल शुरू नहीं हुई है। एसडीएम सिल्ली थॉमस ने कहा था कि जिलेभर में 73 कांजी हाउस सहित गौठान में आवारा मवेशियों को रखा जाएगा।
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