बालोद

पेड़ों पर चला रहे आरियां, रोक पाने में वन विभाग नाकाम

ग्रामीण क्षेत्रों में हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई लगातार जारी है। माफिया कीमती पेड़ों पर आरियां चलाकर लकडिय़ों से मोटी रकम कमा रहे हैं।

बालोदMay 24, 2018 / 12:20 am

Chandra Kishor Deshmukh

पेड़ों पर चला रहे आरियां, रोक पाने में वन विभाग नाकाम

बालोद (सिकोसा). ग्रामीण क्षेत्रों में हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई लगातार जारी है। सूचना के बाद भी संबंधित विभाग के जिम्मेदार स्थल पर नहीं पहुंच पाते। ऐसे में माफिया कीमती पेड़ों पर आरियां चलाकर लकडिय़ों से मोटी रकम कमा रहे हैं। मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होने से पूरे जिले भर में लकड़ी तस्कर सक्रिय हैं। दशकों पुराने पेड़ों की कटाई कर लकड़ी तस्कर आरा मील व ईंट भट्ठाें में बेचकर मालामाल हो रहे हैं। आरा मशीन संचालक भी तस्करों से पूरा लाभ उठा रहे हैं। वो भी इन लकडिय़ों को और महंगे दर पर बेचकर खजाना भर रहे हैं। उन्हें पर्यावरण संरक्षण से कोई लेना-देना नहीं है। इससे मैदानी इलाकों में हरियाली खत्म हो रही है, इससे पर्यावरण संतुलन भी बिगड़ रहा है। इसमें प्रशासन की कोई रोक-टोक नहीं होने के कारण अवैध कटाई करने वालों के हौसले बुलंद हैं।

पर्यावरण संरक्षण में बड़ी बाधक है लकड़ी तस्कर
इसमें ये देखा जा रहा है कि विभागीय निष्क्रियता के कारण प्रतिबंधित कहुआ वृक्ष, आम, रिया एवं इमारती लकडिय़ों को बेधड़क काटे जा रहे हैं। इसमें सरकार को आर्थिक नुकसान तो हो रहा है, पर पर्यावरण संरक्षण में ये लोग बड़ी बाधा पहुंचा रहे हैं। फिर भी राजस्व एवं वन विभाग दोनों का अमला ऐसे लोगों पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।

अधिकारी ने कहा कर्मचारी नहीं है, कल दिखवाएंगे
जब जिम्मेदार ही गैरजिम्मेदारानापूर्ण हरकत करने पर उतारू हो जाए तो फिर ऐसे में तस्करों के हौसले बुलंद होना लाजिमी है। इस मामले में वन विभाग की कार्यप्रणाली किसी से छिपी नहीं है, जहां प्रतिबंधित लकडिय़ों को माफिया बेखौफ काट कर ले जा रहे हैं। कभी-कभी वन विभाग के अधिकारी कार्रवाई करते हैं पर जिस तेजी से लकड़ी की तस्करी की जाती है उस अनुपात में कार्रवाई नहीं हो पा रही है। हाल में गुंडरदेही परिक्षेत्र रेंजर कृष्णकुमार मिश्रा को एक आरा मिल में प्रतिबंधित लकडिय़ां इकट्ठा कर उसकी कटाई करने की सूचना दी गई, तो उन्होंने कल दिखवाता हूं, आज मेरे पास कर्मचारी नहीं हैं, कह दिया।

मुखबिर की भूमिका में अधिकारी
सूत्रों के अनुसार गुंडरदेही परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम अर्जुनी, कोड़ेवा, खेरूद, साजा, दनिया, रनचिरई, मोखा, सियनमरा, पसौद, मोंगरी एवं गुंडरदेही-दुर्ग की सीमा से लगे ओटेबंद व अंडा में लकड़ी तस्कर ज्यादा सक्रिय हैं। जब कभी किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति या मीडिया के जरिए संबंधित अधिकारी को अवैध लकड़ी तस्करी की सूचना दी जाती है तो अधिकारी के पहुंचने के पहले तस्करों की पहले सूचना पहुंच जाती है। इससे वे लकडिय़ों को इधर-उधर करने में सफल हो जाते हैं। इससे यह कहना गलत नहीं होगा कि वन विभाग के अधिकारी तस्करों व आरा मिल संचालकों के मुखबिर बने हुए हैं।

कई बार की गई कार्रवाई
गुंडरदेही तहसीलदार आरके सोनकर ने कहा सूचना मिलने से तत्काल पटवारी को गाड़ी के साथ भेजा था, लेकिन ट्रैक्टर समेत भाग निकले। कई बार अवैध कटाई करने वालों पर कार्रवाई की गई है।

कोचियों के हौसले बुलंद
वन सभापति सदस्य ओंकार सिन्हा ने कहा वन विभाग के अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करता है, इस कारण लकड़ी कोचियों के हौसले बुलंद हैं। वे दिनदहाड़े परिवहन करते हैं।

अवैध कटाई करने वालों पर करें कार्रवाई
गुंडरदेही विधायक राजेंद्र राय ने कहा वन व राजस्व विभाग को नियमानुसार अवैध कटाई करने वालों पर कार्रवाई करना चाहिए। ऐसे में कटाई करने वालों को कोई रोक नहीं पाएगा। भविष्य में पर्यावरण को नकुसान होगा। किसान अपने काम के लिए कटाई कर सकता है, वह भी सरपंच से लिखित में लेकर।

मिलीभगत होने पर की जाएगी कार्रवाई
बालोद डीएफओ एम गोविंद राव ने कहा जहां-जहां हमें सूचना प्राप्त होती हैं, फ्लाइंग स्क्वाड कार्रवाई करता है। हमारे किसी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी की मिलीभगत है तो ऐसा मामला सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी।

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