सांकरा ज सोसाइटी की बात करें तो यहां पर सिर्फ 700 बोरी डीएपी की सप्लाई हुई थी। लेकिन किसान ज्यादा थे। कई किसानों को खाद मिल नहीं पाया। सुबह से किसान खाद आने की जानकारी मिलने के बाद सोसायटी पहुंचे। इससे हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई। सोसायटी प्रबंधन पर्याप्त खाद की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। भीषम यादव ने बताया कि कई किसानों को बैरंग लौटना पड़ा, क्योंकि 700 बोरी खाद अपर्याप्त थी। किसानों ने कहा कि सावन आ चुका है। बारिश भी धीरे-धीरे हो ही रही है। ऐसे में खाद की ज्यादा जरूरत है।
किसानों ने कहा कि सोसायटी में खाद नहीं मिली तो उन्हें निजी दुकानों से अधिक रेट पर खरीदनी पड़ेगी। कालाबाजारी की भी स्थिति निर्मित हो रही है। कई दुकानदार मुनाफाखोरी पर उतर आए हैं। खाद का रेट शासन के तय मुताबिक न लेकर निजी दुकानदार धीरे-धीरे बढ़ा भी रहे हैं। ऐसे में किसानों के लिए बहुत ही संकट का समय आ गया है। किसानों का आरोप है कि राज्य व केंद्र दोनों सरकार गंभीर नहीं हैं।