इधर एसडीएम हरेश मंडावी ने प्रभारी प्राचार्य से कहा कि विद्यालय में अभी तीन द्वार से प्रवेश हो रहा है, इनमें से दो द्वार को बन्द रखा जाए, केवल एक ही प्रवेश द्वार से आना-जाना करें। इधर प्रभारी प्राचार्य ने कहा इस विद्यालय परिसर में अनावश्यक प्रवेश न करें, हालांकि विद्यालय में चौकीदार की नियुक्ति जरूर की गई है, पर भी बच्चों की सुरक्षा पर कोई खतरामोल नहीं लेना चाहती। प्रभारी प्राचार्य ने बताया अब कुछ दिनों में विद्यालय के दो प्रवेश द्वार बन्द कर दिए जाएंगे।
कक्षा खत्म होने के बाद जब बच्चों के साथ शिक्षकों ने बैठक की और भोजन व नास्ते में बच्चों की पसन्द पूछी गई तो बच्चों ने अपनी पसन्द भी बताई, जिसमे बच्चों ने सबसे ज्यादा मंूगोड़ी, टमाटर की तली चटनी और पनीर को बनाने की बात कही। विद्यालय में बच्चों की पसन्द के अनुरूप भोजन दिया जा रहा है। साथ ही भोजन से पहले यहां पढ़ाई करने वाले बच्चों को वैदिक मन्त्र का उच्चारण कर ही भोजन ग्रहण करने का नियम बताया गया।
स्कूल लगने के पहले दिन कुछ बच्चे रोने लगे, उनसे पूछा गया तो बच्चों ने कहा उसे घर की याद आ रही है। मां-पापा से बात कहनी है। तब बच्चों की जिद पर प्रभारी प्राचार्य ने उनके पिता से फोन पर बात कराई। उसके बाद बच्चे चुप हो गए।