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बालोद

संसदीय सचिव और सांसद के सामने भीख मांगते रहे नाबालिग बच्चे, प्रशासन का दावा नहीं है जिले में नहीं कोई बाल भिक्षुक

भीख मांगते बच्चों से होकर ही क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद सहित सत्ता पक्ष के जन प्रतिनिधि व पुलिस विभाग की टीम भी गुजरी।

बालोदMar 03, 2021 / 01:48 pm

Dakshi Sahu

संसदीय सचिव और सांसद के सामने भीख मांगते रहे नाबालिग बच्चे, प्रशासन का दावा नहीं है जिले में नहीं कोई बाल भिक्षुक

संसदीय सचिव और सांसद के सामने भीख मांगते रहे नाबालिग बच्चे, प्रशासन का दावा नहीं है जिले में नहीं कोई बाल भिक्षुक,संसदीय सचिव और सांसद के सामने भीख मांगते रहे नाबालिग बच्चे, प्रशासन का दावा नहीं है जिले में नहीं कोई बाल भिक्षुक,संसदीय सचिव और सांसद के सामने भीख मांगते रहे नाबालिग बच्चे, प्रशासन का दावा नहीं है जिले में नहीं कोई बाल भिक्षुक

बालोद. जिले के पर्यटन स्थल गौरैयाधाम में तीन दिनों के मेले के दौरान दो से तीन नाबालिग बच्चे भीख मांगते दिखाई दिए। इन भीख मांगते बच्चों से होकर ही क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद सहित सत्ता पक्ष के जन प्रतिनिधि व पुलिस विभाग की टीम भी गुजरी। किसी ने भी बच्चों से यह नहीं पूछा कि आखिर भीख क्यों मांग रहे हैं। विभाग की नजर सिर्फ सड़कों पर ही रहती है, लेकिन मंदिरों के सामने नहीं। ये बच्चे किसी का हाथ पकड़ लेते तो किसी का पैर या फिर मंदिर परिसर के बाहर बैठकर लोगों से रुपए मांगते हैं। सरकार व प्रशासन भले ही दावा करें कि भिक्षा वृत्ति रोकने लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन ऐसी तस्वीर जिले के लिते चिंता का विषय है।
एक तरफ शासन-प्रशासन नाबालिग बच्चों की भिक्षावृत्ति रोकने करोड़ों खर्च कर लोगों व उनके पालकों को जागरूक कर रहा है। विभाग बकायदा सर्वे भी कराता है। भले ही महिला बाल विकास विभाग व बाल संरक्षण विभाग को जिले में एक भी बच्चा भीख मांगते दिखाई नहीं दे। लेकिन शासन-प्रशासन के दावे जिले में खोखले नजर आते हैं।
संसदीय सचिव और सांसद के सामने भीख मांगते रहे नाबालिग बच्चे, प्रशासन का दावा नहीं है जिले में नहीं कोई बाल भिक्षुक
गौरैयाधाम के पास जो बच्चे भीख मांग रहे थे, उनसे पूछताछ भी की गई। बच्ची ने कहा कि वह लोगों से रुपए मांगकर अपने माता-पिता को दे देते हैं। स्कूल भी कभी-कभार ही जाते हैं। ज्यादा जानकारी लेने पर वह उठकर चली गई। नाबलिग बच्चे मुख्य मंच के सामने ही जहां बड़े नेता, जनप्रतिनिधि, सांसद बैठे थे वहीं भीख मांग रहे थे। पुलिस ने भी इसे देखकर पूछना भी उचित नहीं समझा।
महिला एवं बाल विकास विभाग के मुताबिक कुछ माह पहले ही विभाग के बाल संरक्षण विभाग ने अपनी टीम के साथ आभियान चलाकर जिलेभर में सर्वे किया। पता लगाया था कि जिलेभर में कितने बच्चे सड़कों व अन्य जगहों पर भीख मांग रहे हैं। हालांकि सर्वे में सिर्फ एक ही बच्चा भीख मांगता मिला। जिसके बाद बच्चे को उसके माता पिता को सौंपा गया। भीख मांग रहे बच्चे के माता-पिता को समझाया गया कि उससे भीख न मंगवाएं।
जिले के नहीं मेले में बाहर से आने वाले लोग होंगे
विभाग ने दावा किया कि जिले में भीख मांगने वाले नाबलिग बच्चे नहीं है। सभी बच्चे शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़े हुए हैं। हमें लगता है कि जो बच्चे भीख मांगते नजर आए हैं, वह बाहर से आए होंगे। जिला बाल संरक्षण विभाग का कहना है कि इसकी जानकारी नहीं है। कहीं भी इस तरह का मामला सामने आता है तो विभाग जरूर कार्रवाई करता है। सहायक बाल संरक्षण अधिकारी नरेंद्र कुमार ने बताया कि ऐसा है तो हम तत्काल मामले को दिखवाते हैं।

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