उपलब्धियों के लिए हरिराम को 13 सितंबर को सम्मान के साथ 25 हजार रुपए नगद, ब्लेजर व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। समारोह में हरिराम के साथ जिले के ग्राम खैरवाही की दृष्टिबाधित बेटी पार्वती साहू को भी जूडो के खेल में उपलब्धि के लिए सीएम 7 हजार की नगद राशि एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ ब्लाइंड जूडो एसोसिएशन बिलासपुर ने 7 वर्षों से प्रदेश के 7 जिलों के 250 दृष्टिबाधित व मूकबधिर लोगों को दिव्यांग खेल में प्रोत्साहित कर नेशनल लेबल तक पहुंचाया है। दिव्यांग खेल के अंतर्गत तलवारबाजी, स्वीमिंग, एथलेटिक व जूडो शामिल हैं।
प्रदेश का पहले खिलाड़ी जो नेशनल खेल रहे
बता दें कि दृष्टिबाधित व मूकबधिर खिलाड़ी हैं जो निरंतर 6 वर्ष तक राष्ट्रीय स्तर पर खेल का प्रदर्शन करता है, तो उसे शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। दृष्टिबाधित हरिराम कोर्राम प्रदेश में एकमात्र ऐसे दिव्यांग खिलाड़ी हैं, जो 6 वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर इस खेल का प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वे लगातार अभ्यास कर रहे हैं जिसका परिणाम अब मिल रहा है।
ये रही उनकी उपलब्धियां
दिव्यांग हरिराम 2011 से जूडो में अपनी श्रेष्ठता साबित की है। जूडो के अलावा वे अच्छे तैराक भी हैं। उन्होंने अब तक 1 गोल्ड, 2 सिल्वर एवं 3 ब्रांज मैडल जीते हैं। छत्तीसगढ़ ब्लाइंड जूडो एसोसिएशन के कोच शेख समीर ने बताया दिव्यांग हरिराम की वजह से ही छत्तीसगढ़ ब्लाइंड पारा जूडो एसोसिएशन को पहचान मिली है।
हरिराम ने कहा अब लक्ष्य ओलम्पिक में प्रदर्शन का
राजीव पांडे पुरस्कार के लिए हरिराम के नाम का प्रस्ताव भेजा गया था, पर कुछ कारणों से उनका चयन नहीं हो पाया। शेख समीर ने बताया कि हरिराम लखनऊ, दिल्ली, गोवा, बैंगलुरू जैसे बड़े-बड़े शहरों में नेशनल खेल चुके हैं। लखनऊ के जूडो में पहली बार स्वर्ण पदक प्राप्त किया था।
प्रदेश के 9 जिलों से 250 दिव्यांग सभी वर्ग के छत्तीसगढ़ ब्लाइंड पारा जूडो एसोसिएशन से जुड़े हैं। जो जूडो, तलवारबाजी, स्वीमिंग व एथलेटिक खेलों में अपना हुनर आजमा रहा है। हरिराम ने बताया उनका अब लक्ष्य एक बार ओलम्पिक खेलने का है, जिसकी तैयारी चल रही है। इसके लिए वे लगातार अभ्यास कर रहे हैं। हमारे मार्गदर्शक इसके लिए पूरा सहयोग कर रहे हैं।