बालोद

विभागीय अधिकारी-कर्मचारी किसी से भी नहीं पूछते बैंक खाता, एटीएम का पिन और ओटीपी नंबर

मातृ वंदना योजना पर दलालों और साइबर अपराधियों की नजर लग गई है। फर्जी बैंक अधिकारी बनकर गर्भवती महिलाओं को ठगने का काम चल रहा है। यदि धोखे से भी फर्जी अधिकारियों की बातों में आ गए तो समझों खाते की पूरी राशि गायब हो जाएगी।

बालोदMay 30, 2019 / 12:18 am

Chandra Kishor Deshmukh

विभागीय अधिकारी-कर्मचारी किसी से भी नहीं पूछते बैंक खाता, एटीएम का पिन और ओटीपी नंबर

बालोद @ patrika . महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत शासन की मातृवंदना योजना पर दलालों और साइबर अपराधियों की नजर लग गई है। फर्जी बैंक अधिकारी बनकर गर्भवती महिलाओं को ठगने का काम चल रहा है। यदि धोखे से भी फर्जी अधिकारियों की बातों में आ गए तो समझों खाते की पूरी राशि गायब हो जाएगी।
शिकायत आने पर तत्काल दें सूचना
इधर संयुक्त संचालक महिला बाल विकास रायपुर ने जिले के महिला बाल विकास विभाग को अलर्ट कर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगर इस तरह की शिकायतें आने पर तत्काल सूचना दें। बता दें कि महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली राशि दिलाने के नाम पर हितग्राही से पूछताछ कर एटीएम व खाते नंबर के साथ ओटीपी नंबर भी मांगते है।
महिला बाल विकास में भी आई 6 लोगों की शिकायत
मिली जानकारी के मुताबिक सप्ताह भर के भीतर में महिला बाल विकास विभाग बालोद में भी 6 लोगों ने इस तरह फर्जी अधिकारी बनकर खाते नंबर, एटीएम और ओटीपी नंबर पूछने की शिकायत मिली है। इस घटना की जानकारी विभाग ने साइबर क्राइम विभाग को दे दी गई है।
कोई भी फोन से जानकारी मांगे तो न दें, अधिकारी से मिले
महिला बाल विकास अधिकारी एचआर राणा ने बताया कि अगर कोई आपके बैंक खाते का नंबर, एटीएम या फिर पिन नंबर मांगे तो भूल कर न दें। विभागीय अधिकारी-कर्मचारी कभी नहीं पूछते हैं नंबर। अगर राशि नहीं मिली है तो सीधे कार्यलय आकर संपर्क करें। भूलकर भी अपने खाते नंबर की जानकारी न दें।
इस तरह फंसाते है गर्भवती महिलाओं को
मातृ वंदना योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होते तक अलग अलग किस्त में लगभग 5 हजार रुपए दिए जाते है। जिसके लिए विभाग में जमा खाते नंबर पर ही राशि डाली जाती है। वर्तमान में मिल रही शिकायतों में कोई अनजान व्यक्ति बैंक का अधिकारी बनकर हितग्राहियों के पास काल कर संपर्क करते है। फिर इस योजना के बारे में डिटेल बता कर राशि की जानकारी ली जाती है। राशि नहीं मिलने की जानकारी लगते ही बैंक खाता नंबर, एटीएम और ओटीपी नंबर पूछते हैं।

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