नगर की गंगा तांदुला नदी को बचाने ३८ दिनों से दो घंटे श्रमदान कर नदी के रामघाट की सूरत बदलने वाले सहित सहयोग में पहुंचे लोगों ने कहा नदी-नाले, तालाब हमारी धरोहर है। इसका संरक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है। पत्रिका के इस अभियान में सभी ने साथ दिया। पत्रिका टीम का साथ निभाने खासकर सिवनी की महिलाएं सहित जनप्रतिनिधियों के साथ बुजुर्ग भी सामने आए। दर्जनभर लोग नदी में उतरकर जलकुंभी इकट्ठे कर रहे थे, तो नदी किनारे आते ही तट पर खड़ीं महिलाएं तत्काल उसे घाट के उपर खींच रहीं थीं, वहीं आधे लोग जलकुंभी को तगाड़ी में भरकर दूर ले जाकर फेंक रहे थे।
अभियान में शामिल हुए लोगों ने कहा कि पत्रिका ने हमेशा सामाजिक सरोकार के मुद्दे को उठाकर लोगों को एक मंच पर ला खड़ा किया है। पत्रिका की पहल पर ही पालिका ने नदी की सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए २० लाख का बजट भी बनाया है। करीब तीन घंटे चले इस अभियान में सभी ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया और जलकुंभी से पटे नदी की साफ की। इस दौरान शपथ भी ली कि वे जल के संरक्षण में हमेंशा
ध्यान रखेंगे।
सफाई करने पहुंचे कृष्णा दुबे ने बताया कि तांदुला की सफाई के लिए हम रोज तीन घंटे समय दे रहे हैं। महीनेभर से अधिक दिनों से लगातार नदी की सफाई कर रहे हैं। नदी के राम घाट के हिस्से की जलकुंभी अगले तीन-चार दिनों में खत्म हो जाएगी। नगरवासियों के साथ प्रशासन इस ओर ध्यान दें। पार्षद विमल साहू ने कहा कि जिस नदी के जल से पूरा नगर प्यास बुझाता है। वही नदी अपना अस्तित्व खो रही थी, पर नदी के महत्व को समझा और लगातार हर दिन तीन घंटे नदी की सफाई कर रहे हैं। जन सहयोग का नतीजा है कि रामघाट का हिस्सा लगभग साफ होने की स्थिति में है।
पार्षद नरोत्तम साहू ने कहा कि बीते 24 दिनों से लगातर तांदुला नदी की सफाई में समय दे रहा हूं। पर सभी लोगों को नदी का महत्व समझ कर आगे आना होगा। नदी हमारी है हमें ही इनका पानी पीना है। हमें ही उपयोग करना है तो सफाई में हम सभी की सहभागिता जरुरी है। बता दें कि तांदुला नदी की सफाई बीते 38 दिनों से चल रही है। शासन-प्रशासन को भी पता हैं कि नदी की सफाई १५ युवा रोज दो घंटे सफाई कर रहे हैं। समय-समय पर सफाई करने स्काउट-गाइड, रेडक्रॉस के बच्चे सहित सामाजिक संगठन आ रहे है,ं पर जिला प्रशासन सिर्फ योजना तैयार करने में लगी है।
सफाई करने पहुंचे प्रशांत पवार ने कहा कि नदी सफाई में सभी आगे आए। इसी नदी से हमारे घरों में पानी जाता है। नदी ही गंदी होगी तो घरों में गंदे पानी आएगा। शासन-प्रशासन को भी इस ओर बड़ा कदम उठाना होगा, क्योंकि नदी का अस्तित्व खतरे में है। रोज आप भी समय दें। नगरवासी पंकज यादव ने बताया कि तांदुला नगर की जीवनदयनी नदी है हमें इस नदी पर गर्व करना चाहिए। सभी को अपने घर से निकलकर नदी की सफाई में जुट जाना चाहिए। हमारे साथी नदी को बचाने रोजाना तीन से चार घंटे समय देते हैं। आप भी थोड़ा
समय दें।
बता दें कि तांदुला नदी की सफाई बीते ३८ दिनों से चल रही है। शासन-प्रशासन को भी पता हैं कि नदी की सफाई १५ युवा रोज दो घंटे सफाई कर रहे हैं। समय-समय पर सफाई करने स्काउट-गाइड, रेडक्रॉस के बच्चे सहित सामाजिक संगठन आ रहे है,ं पर जिला प्रशासन सिर्फ योजना तैयार करने में लगी है।