फागुन्दाह के अस्पताल में पानी घुस गया। कई गांवों की गलियों और घरों में नाले का पानी घुस गया। इतनी ज्यादा बारिश की खबर सुनते ही जिला प्रशासन में भी खलबली मच गई। इसके बाद एसडीएम सहित विभिन्न अधिकारी बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर निकल गए। डौंडी ब्लॉक में 91.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। पूरे जिले में औसत 92.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश का सिलसिला यहीं नहीं रुका। सोमवार को भी गुरुर, बालोद सहित जिले के कई इलाकों में एक से डेढ़ घंटे तेज बारिश हुई। जिले के विभिन्न नदी-नाले उफान पर हैं। खेत खलिहान भी पानी में डूब गए।
गुरुर ब्लॉक के टेंगनाबरपारा, घोघोपुरी, बासीन नाला भी उफान पर हैं। सोमवार को एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों ने इस ब्लॉक के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा भी किया। अभी तक बाढ़ में किसी भी प्रकार की हताहत नहीं होने की खबर है। हालांकि जिलेभर में हुई बारिश के कारण किसानों को अब पानी की चिंता नहीं है। लगभग सभी के खेतों में पर्याप्त पानी भर गया है। फिर से अपना पूरा ध्यान खेती-किसानी में लगा दिया है।
लगातार अच्छी बारिश से खेतों में पानी भरने के कारण रविवार से ही सिंचाई विभाग ने गोंदली जलाशय के गेट को बंद कर दिया। वहीं तांदुला जलाशय के गेट को धीरे-धीरे बंद किया जा रहा है। खरखरा व खपरी जलाशय से अभी पानी छोड़ा गया है। इसे भी खेत-खलिहानों की स्थिति व किसानों की मांगों को देखकर फैसला लिया जाएगा। वर्तमान में तांदुला जलाशय से 800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस जलाशय का पानी दुर्ग व बेमेतरा तक जाता है। अभी इन जिलों में बारिश व किसानों की मांग का इंतजार सिंचाई विभाग कर रहा है। इन जिलों में बारिश की स्थिति व खेतों में पानी की स्थिति सही रही तो तांदुला जलाशय का गेट भी बंद कर दिया जाएगा।
एसडीएम बालोद सिल्ली थामस ने बताया कि रविवार को तेज बारिश हुई है। सोमवार को बालोद व गुरुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया गया। कहीं कोई हताहत नहीं हुआ है। बाढ़ व बारिश को देखते हुए ग्राम पंचायतों के सरपंच-सचिवों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।