नदी हमारी धरोहर, इसे बचाने पहल न होना चिंतनीय गायत्री परिवार के सांस्कृतिक ज्ञान प्रभारी राजेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा नदी हमारी संस्कृति और विरासत है। इसी नदी के भरोसे पूरा बालोद जिन्दा है। तांदुला नदी ही बालोद वासियों की प्यास बुझा रही है, पर वर्तमान में तांदुला नदी अपना अस्तित्व खो रही है। इसे बचाना बहुत जरुरी है। यह अभियान जनहित का है। इस जनहित के अभियान में शासन-प्रशासन के साथ नगरवासियों को भी आगे आना होगा। नहीं तो नदी अपना अस्तित्व खो देगी।
गन्दगी से मुक्त होने लगा है नदी का रामघाट अमृतम् जलम् अभियान के जरिए व जनसहयोग से धीरे-धीरे नदी जलकुम्भी से मुक्त होने लगी है। शासन-प्रशासन ने अभी तक इस नदी को झांकने तक नहीं आया और न ही नदी में स्वेच्छा से रोजाना तीन घंटे सफाई में लगे लोगों से मिलने तक नहीं आए, पर भी नदी के रामघाट का हिस्सा जलकुम्भी से मुक्त होने लगा है।
यह अभियान जारी रहेगा, सहयोग मिले, ना मिले गायत्री परिवार के संयोजक धन्नूलाल साव में कहा नदी की सफाई करना पुण्य का
काम है। यह अभियान सफल होगा। 14 दिनों में ही रामघाट का हिस्सा आधा साफ हो गया है। इस अभियान में नगरवासी, सामाजिक संगठन के साथ शासन-प्रशासन भी आगे आना चाहिए। सब मिल नगर की विरासत तांदुला नदी को बचाएं। यह अभियान जारी रहेगा।
आखिर कब जागेगा, शासन-प्रशासन व आम लोग तांदुला नदी की सफाई विगत 14 दिनों से जन सहयोग व स्वेच्छा से चल रही है, पर नदी की ओर शासन-प्रशासन का
ध्यान ही नहीं है। हालांकि जिला कलक्टर ने भी तांदुला नदी की सफाई पर बड़ा प्रोजेक्ट बनाने की बात कही थी, पर अभी तक आगे क्या हुआ इसकी कोई जानकारी जनता को नहीं है। पर जन सहयोग से तांदुला राम घाट से जलकुम्भी निकालने का अभियान जारी है।
गायत्री परिवार का है नदियों के शुद्धिकरण का लक्ष्य राजेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में निर्मल गंगा जल अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत देश की नदियों के शुद्धिकरण का लक्ष्य लेकर वृहद स्तर पर काम चल रहा है। इसी श्रंृखला में जिला बालोद में भी क्षेत्र के नदी, तालाब के सफाई अभियान के रूप में कार्यकर्ताओं ने अपना श्रम, समय लगा रहे हैं। सोमवार को रामघाट की सफाई गायत्री परिवार बालोद
शक्ति पीठ द्वारा की गई। इसमें जिला प्रमुख डीएल साव, ब्लॉक प्रमुख युवा प्रकोष्ठ राजेंद्र कुमार सिन्हा, खेमलाल साहू, बीएस राठौड़, आरपी यादव, टीआर साहू, सहदेव साहू, देवधर साहू, नरेश कुमार, गोमती, वृन्दा, हेमबती सिहारे,
मंदिर पुजारी यादव व परिजन सहयोग में शामिल रहे।