बालोद

जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा का वादा, सड़क भी बन गई पर दो साल से नहीं मिला मुआवजा

गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम रौना और देवगहन के बीच 1.80 किलोमीटर नई सड़क बनाई गई। इसके लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण भी किया गया। जमीन के बदले किसानों को मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया। सड़क बन गई, लेकिन आज तक किसानों को फूटी कौड़ी भी नहीं मिली।

बालोदMar 08, 2021 / 08:57 pm

Chandra Kishor Deshmukh

जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा का वादा, सड़क भी बन गई पर दो साल से नहीं मिला मुआवजा

बालोद . गुंडरदेही ब्लॉक के अर्जुंदा मार्ग पर दो साल पहले ही 8 किमी की दूरी पर ग्राम रौना और देवगहन के बीच 1.80 किलोमीटर नई सड़क बनाई गई। इसके लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण भी किया गया। जमीन के बदले किसानों को मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया। सड़क बन गई, लेकिन आज तक किसानों को फूटी कौड़ी भी नहीं मिली। दो वर्षों से पीडब्ल्यूडी व विभागीय कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। इस सड़क निर्माण के लिए 9 से अधिक किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। सरकार व सत्ता बदल गई, लेकिन मुआवजा नहीं मिला। हालांकि पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने जल्द ही भुगतान करने की बात कही है।

इन किसानों की ली गई है जमीन
देवगहन से रौना सड़क निर्माण के लिए किसान विभीषण कुम्हार पिता झन्नूलाल खसरा नंबर 124, बलवंत पिता भूषण बरई खसरा नंबर 125/1, प्रीति-दानेश्वरी कोष्टा खसरा नंबर 126/1, प्रीति-दानेश्वरी कोष्टा/ओमप्रकाश खसरा नंबर 127, प्रभुराम निषाद पिता उमेंद्र निषाद खसरा नंबर 131, लक्ष्मण सिंह गोंड़ पिता विश्राम सिंह खसरा नंबर 139, गजेंद्र कुमार पिता पुनीत केंवट खसरा नंबर 166, दसरी बाई, फगनी, कौशिल्या, सगुन बाई कुर्मी पिता राम्हुराम खसरा नंबर 167, सनपत, गनपत पिता कला केंवट खसरा नंबर 168, हुबलाल, गोविंद, पन्नालाल, मुखी बाई पिता जिवराखन गोंड़, पिरधी बाई, झुन्नी बाई पिता आनंदराम गोंड़ खसरा नंबर 169 की जमीन ली गई है।

किसानों ने कहा-यह तो धोखा है
प्रभावित किसानों ने कहा कि जब सड़क का निर्माण किया गया तो उस समय भी कई बार विभाग के अधिकारियों ने मनमानी की। पहले मुआवजा का प्रावधान नहीं बताया। जब ग्रामीणों व किसानों ने अपनी हक की लड़ाई लड़ी, तब विभाग व प्रशासन राजी हुए। किसानों को मुआवजा देने की बात कही थी।

पत्रिका ने उठाया मुद्दा तब जागा प्रशासन
किसानों की इस समस्या को पत्रिका ने लगातार प्रमुखता से प्रकाशित कर शासन-प्रशासन को किसानों की समस्या व हक के लिए लड़ाई लड़ी। किसानों की मांगों को प्रमुखता से मुद्दा उठाकर शासन प्रशासन के ध्यानाकर्षण किया था। तब मुआवजा की भी प्रक्रिया शुरू की गई। दो साल बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारी कह रहे हैं कि मुआवजा किसानों को दिया जाएगा प्रक्रिया चल रही है।

इन किसानों को मिलना है मुआवजा
देवगहन से रौना सड़क 1.80 किलोमीटर निर्माण कार्य के जद में आ रहे 10 किसानों की जमीन के एवज में मुआवजा भुगतान के लिए जो प्रपत्र तैयार किया गया था। उसके अनुसार इस प्रकार है। (आंकड़े 2019 के अनुसार)
नाम-रकबा-अर्जित भूमि (हे. में)-मुआवजा
विभीषण कुम्हार-0.52-0.09-2,11,500
बलवंत बरई-0.23-0.04-94,000
प्रीति-दानेश्वरी कोष्टा-0.21-0.04-94,000
प्रीति-दानेश्वरी कोष्टा-0.59-0.07-1,64,500
प्रभूराम निषाद-0.14-0.06-1,41,000
लक्ष्मण सिंह गोड़-0.92-0.11-2,58,500
गजेंद्र कुमार केंवट-0.11-0.02-47,000
दसरी बाई, फगनी, कौशिल्या, शगुन बाई कुर्मी-0.09-0.04-94,000
सनपत, गनपत-0.34-0.04-94,000
हुबलाल, गोविंद, पन्नालाल, मुखी बाई, पिरधी बाई, झुन्नी बाई गोंड़-015-0.08-1,88,000
कुल-3.300-0.59-13,86,500

प्रक्रिया पूर्ण, जल्द देंगे मुआवजा
गुंडरदेही पीडब्ल्यूडी के एसडीओ आरके शर्मा ने बताया कि विभागीय कार्य में देरी होती है। हमने जितने भी किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया था। सभी के दस्तावेज पूर्ण कर लिए हैं। जल्द ही जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा दिया जाएगा।

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