दरअसल यहां मामले में दुल्हन नाबलिग थी, जिसकी उम्र 17 साल 9 महीने पाई गई। शादी योग्य होने में 3 माह और बचे हैं। इसलिए शादी रुकवा दी गई। समझाइश पर दूल्हा पक्ष ने भी हामी भरी। कार्रवाई पर हालांकि पहले परिजन नाराज हो गए थे, पर बाद में समझाइश के बाद सभी ने सहमति जाहिर की। यह मामला जिले के ग्राम तार्री का है, जहां मंगलवार को बाल विवाह रोका गया।
मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम तार्री में मंगलवार को एक परिवार में ग्राम खल्लारी से बारात आने वाली थी, पर बाल विवाह होने की जानकारी मिलने पर बाल विवाह रोकथाम टीम ने ग्राम के सरपंच, कोटवार व ग्राम प्रमुख के साथ ही लड़की के परिजन को बुलाकर विभाग के नियम बताए और कहा लड़की की उम्र 18 साल होने में अभी 3 माह का समय है, शादी नहीं हो सकती, महिला बाल विकास विभाग के बाल संरक्षण अधिकारी गजानन्द साहू ने परिजन को बारीकी से समझाने के बाद ही वे माने।
इधर महिला बाल विकास और पुलिस की एक टीम ग्राम खल्लारी पहुंची, तो बारात ग्राम तार्री जाने की तैयारी में लगी थी। जहां दुल्हा पक्ष से चर्चा कर विभागीय टीम ने बारात रोकी। उसके बाद दूल्हा और परिजन ने हामी भरी।
बता दें कि लड़का व लड़की पक्ष दोनों से अधिकारियों ने बात की और नियम बताते हुए समझाईश द। लगभग दो घंटे तक चली इस चर्चा के बाद दोनों पक्ष माने और सहमति दी। अब यह शादी 3 माह बाद होगी, जब लड़की की उम्र 18 साल हो जाएगी।
बाल संरक्षण अधिकारी ने परिजन के साथ ग्रामीणों को भी समझाया कि भूल कर भी बाल विवाह न करें। बाल विवाह एक अभिशाप है। लड़की की उम्र जब तक 18 साल व लड़के की उम्र 21 साल न हो जाए तब तक शादी न करें। अगर ऐसा कहीं हो रहा है तो तत्काल पुलिस और महिला बाल विकास विभाग को सूचना दें।