पत्रिका की टीम जिला मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न स्कूलों में पहुंची तो स्कूलों में बहुत ही कम बच्चे उपस्थित दिखाई दिए। नए शिक्षण सत्र के पहले दिन ही शिक्षा विभाग की भारी लापरवाही भी दिखी। जिले के विभिन्न स्कूलों में शिक्षकों ने साफ -सफाई से लेकर बर्तन साफ कराने तक का काम बच्चों से कराया।
विभिन्न स्कूल में तो बच्चों ने टेबल-कुर्सी जमाए तो स्कूल में फैले कचरे की साफ -सफाई तक स्कूली बच्चों ने किया। बच्चों ने झाड़ू लगाया और स्कूल में फैले कचरों की सफाई की। हालांकि जिम्मेदार शिक्षकों का कहना है कि यह थोड़ा सा काम था जिसे कराया गया। कई जगह जर्जर भवन में स्कूल संचालित किया गया।
बता दें कि स्कूल खुलने के पहले दिन तो स्कूली बच्चों की संख्या कम रही पर कई स्कूलों की स्थिति ऐसी रही कि बच्चे तो स्कूल पहुंचे पर शिक्षक गर्मी छुट्टी मना रहे थे। कई शिक्षक ही स्कूल नहीं आए।
इधर जिला शिक्षा अधिकारी आरएल ठाकुर ने नसीहत दी गई है कि शिक्षक स्कूल समय पर पहुंचे। मॉनिटरिंग टीम को लापरवाही दिखी तो कार्रवाई की जाएगी। पहले दिन प्रवेश का सिलसिला चलता रहा
स्कूल खुलने के पहले दिन तो प्राथमिक स्कूलों में नव प्रवेशी बच्चों के प्रवेश का सिलसिला चलता रहा और यह सिलसिला अभी चलता रहेगा क्योंकि सोमवार से स्कूल खुला है और अभी नवप्रवेशी बच्चों का प्रवेश चलता रहेगा। इस बार अच्छी बात यह रही की स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में पाठ्य पुस्तक व गणवेश रखे गए। कई स्कूलों में प्रवेश के साथ गणवेश का वितरण किया गया। कई स्कूल में अभी वितरण नहीं हुआ है।
स्कूल खुलने के पहले दिन से ही मध्यान्ह भोजन बनाया गया। पर इस बार स्कूलों में बच्चों को प्रवेश मुंह मीठा कराकर नहीं बल्कि मध्यान्ह भोजन में आलू की सब्जी दाल बनाकर खिलाया गया।