गांव जाकर महिला बाल विकास की टीम ने लड़का और लड़की पक्ष को समझाया, तब जाकर यह शादी रोकी गई। उन्होंने लिखित में दी कि जब तक लड़के की उम्र 21 साल नहीं हो जाती तब तक शादी नहीं होगी। कहा जाए कि अब शादी के लिए एक साल इन्तजार करना पड़ेगा।
बालोद. जिले के ग्राम कनेरी में उस समय हड़कंप मच गया जब पुलिस व महिला बाल विकास विभाग की टीम ने मुखबीर की सूचना पर गांव में दो घरों में बाल विवाह होने जानकारी ली। पता चला कि इस गांव में दो नाबालिग लड़कियों की शादी की तैयारी है। उसके बाद टीम तत्काल गांव पहुंचकर बाल विवाह रुकवाई।
इस गांव में पहला मामला यह है कि 16 साल की लड़की जो कि कक्षा नौवीं में पढ़ाई कर रही है। उसकी सगाई कर दी गई है, जबकि वह अभी नाबालिग है। आने वाले माह में शादी की तैयारी है। इसकी सूचना जैसे ही महिला बाल विकास टीम को मिली, तो तत्काल गांव पहुंचकर लड़की और लड़के की परिजन व ग्राम प्रमुख को बुलवाकर दोनों पक्ष को समझाया गया। बहुत देर तक समझाने के बाद दोनों पक्ष ने सहमति दी। लड़की की उम्र 18 साल होने के बाद ही शादी करने की बात कही।
इसी गांव में एक प्रकरण ऐसा है जिसमें 16 साल की लड़की अपनी मर्जी से लड़के के घर रह रही है। जानकारी पर विभाग ने लड़की और लड़के के परिजन को बुलाकर समझाया। लड़के के परिजन को कहा लड़की की उम्र 16 साल है। उसके बाद विभाग ने निर्णय लिया कि लड़की को उनके माता-पिता के घर रखा जाए जब तक उनकी उम्र 18 साल नहीं हो जाती। इस निर्णय पर परिजन ने भी सहमति जताई।
कार्रवाई में पुलिस विभाग से एसआई धरम भुआर्य व 2 आरक्षक, राजस्व विभाग से विनय कुमार देवांगन, नायब तहसीलदार, शिक्षा विभाग सेजीएल खुरश्याम, स्वास्थ्य विभाग से डॉ. गंधर्व, मीडिया प्रभारी, परियोजना अधिकारी बीएस मंडावी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, गजानन्द साहू, संरक्षण अधिकारी नरेंद्र साहू, पर्यवेक्षक शशि साहू, प्रतिमा गोस्वामी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष व पदेन सरपंच हरिचन्द साहू पंचायत सदन उपस्थित रहे।